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Chittorgarh : चित्तौड़ में बड़ के नीचे स्थापित होने से नाम पड़ा बड़ा गणेशजी

चित्तौड़ में गंभीरी नदी के किनारे बड़ के पेड़ के नीचे बड़ा गणेश मंदिर स्थापित है। यहां पर पूरे जिले के लोग दर्शन के लिए आते हैं। गणेश महोत्सव के दौरान दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

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चित्तौडगढ़़. गंभीरी नदी के किनारे बड़ा गणेश मंदिर में स्थापित प्रथम पूज्य गणपति।

चित्तौडगढ़़. चित्तौड़ की गंगा कही जाने वाली गंभीरी नदी के किनारे बड़ के पेड़ के नीचे भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित होने के कारण इसे बड़ा गणपति मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। यहां प्रथम पूज्य श्रीगणेश की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। शहर के प्राचीन मंदिरों में शुमार प्रथम पूज्य बड़ा गणपति मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी में हुई है। यहां पर प्राचीन पश्चिममुखी गणेश प्रतिमा है। गणेशजी की प्रतिमा में एक नेत्र पश्चिम और दूसरा नेत्र उत्तर की तरफ है, जो माता-पिता दोनों को देखते हुए हैं। भगवान गणेश की प्रतिमा बहुत प्राचीन है। मंदिर के पुजारी महंत श्यामसुंदर गिरी ने बताया कि मंदिर परिसर का निर्माण भगत रेगर नामक भक्त ने करवाया था। प्रतिमा के पास एक और भगवान गणेश की मूर्ति है। इसमें दाएं हाथ की तरफ सिद्धि और बाएं हाथ की तरफ रिद्धि विराजित है। गणेशजी की मूर्ति की सूंड़ दायी तरफ है, जबकि बड़ी मूर्ति की सूंड़ दक्षिण की तरफ है। भगवान गणेश की प्रतिमा एक ही पत्थर पर उकेरी गई है और यह नृत्य करते हुए आनंद स्वरूप में दिखाई देती है। भक्त यहां मन्नतें मांगने आते हैं और ऐसा माना जाता है कि उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है।

दो हजार से अधिक पत्रिका आती मंदिर में

महंत ने बताया कि प्रथम पूज्य को निमंत्रण देने के लिए प्रतिवर्ष करीब दो हजार से अधिक पत्रिकाएं मंदिर में आती हैं। कोई भी मांगलिक कार्य होने पर सर्वप्रथम भगवान श्रीगणेश को निमंत्रण दिया जाता है। यहां पर शहर सहित आस-पास के इलाकों से श्रद्धालु भी दर्शन के लिए आते हैं।

नगर परिषद ने कराई लाइटिंग, लगेगी भक्तों की कतारें

नगर परिषद की ओर से श्री बड़ा गणपति मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते एवं मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। मंदिर में बुधवार को गणेश चतुर्थी के चलते दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लगेंगी। अनंत चतुर्दशी तक हजारों लोग प्रथम पूज्य के दर्शन कर घर परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करेंगे। प्रथम पूज्य की विशेष आरती भी होगी।

प्रशासन ने जारी किए 21 लाइसेंस

शहर में कई स्थानों पर पाण्डालों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना बुधवार को होगी। जिला मुख्यालय पर सौ से अधिक स्थानों पर पाण्डालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी। प्रशासन की ओर से 21 लाइसेंस जारी किए गए हैं। एक अखाड़े का लाइसेंस जारी किया है। पाण्डालों में डांडिया भी खेला जाएगा। इसी प्रकार घर-घर प्रथम पूज्य की स्थापना कर पूजा-अर्चना की जाएगी।