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मानसून की जोरदार दस्तक से बांधों में पानी की बंपर आवक, भड़किया बांध छलका

मानसून की जोरदार दस्तक ने जिले के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रंग दिखाए हैं। एक ओर जहां झमाझम बारिश ने जलाशयों, झरनों और बांधों को लबालब कर दिया है।

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rain in chittorgarh

भड़किया बांध छलका: फोटो पत्रिका

चित्तौड़गढ़। मानसून की जोरदार दस्तक ने जिले के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रंग दिखाए हैं। एक ओर जहां झमाझम बारिश ने जलाशयों, झरनों और बांधों को लबालब कर दिया है, वहीं दूसरी ओर कई किसानों के लिए यह परेशानी का सबब बन गई है। बस्सी में निलिया महादेव का झरना पूरे वेग से बह रहा है और भड़किया बांध सहित कई बांध छलक गए हैं, जिससे पर्यटन और जलस्तर दोनों को फायदा मिला है।

गंगरार में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। हालांकि, सुखवाड़ा और भदेसर जैसे क्षेत्रों में खेतों में पानी भर जाने से बुवाई में देरी हो रही है, जिससे किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। लगातार बारिश के कारण अभी भी कई जगह बुवाई बाकी है।

बस्सी. मानसून की शुरुआती बारिश में ही क्षेत्र के बांधों में पानी की बंपर आवक हुई है। शुक्रवार रात को हुई जोरदार बारिश से अमरपुरा ग्राम पंचायत का 20 फीट भराव क्षमता का भडकिया बांध शनिवार शाम को छलक गया।

जल संसाधन विभाग के जेईएन राकेश खारोल ने बताया कि शुक्रवार रात को तेज बारिश के कारण कई बांधों में पानी की अच्छी आवक हुई है। भडकिया बांध शनिवार शाम 5 बजे भराव क्षमता के 20 फीट भरकर छलक गया। मोडिया महादेव बांध में भी पानी की अच्छी आवक हुई और शनिवार शाम तक साढ़े बारह फीट भर चुका है। इसके अलावा बस्सी क्षेत्र के अन्य बांधों में भी पानी की आवक हुई है, जिनमें बस्सी बांध, साकलखेडा बांध, सादी बांध, साकेडा बांध, गुणेर बांध और बरखेडी बांध शामिल हैं। शुक्रवार रात की बारिश से तालाबों, नदियों और झरनों में भी पानी की आवक शुरू हो गई है। बस्सी क्षेत्र के निलिया महादेव और मंगोदडा जैसे कई झरने तेज वेग से बहने लगे हैं।

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बुवाई में देरी, उत्पादन पर भी असर

बस्सी. इस बार मानसून की लगातार बारिश किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। दो-तीन दिन से हो रही बारिश और शुक्रवार रात को हुई तेज बारिश के कारण कई खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसान बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। लगातार बारिश के कारण क्षेत्र में 60 से 70 प्रतिशत रकबे में बुवाई नहीं हो पाई है। यदि मानसून इसी तरह सक्रिय रहा तो खरीफ फसल की बुवाई में देरी हो सकती है। इससे न केवल बुवाई प्रभावित होगी, बल्कि खेतों में गलन के कारण उत्पादन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

पहली बारिश में ही बहने लगा निलिया महादेव का झरना

बस्सी क्षेत्र में झमाझम बारिश के बाद निलिया महादेव का झरना पूरे वेग से बहने लगा है। इस वर्ष मानसून जल्दी आने और अच्छी बारिश से झरना मानसून की पहली बारिश में ही बहने लगा है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। बिजयपुर, अभयपुर घाटा क्षेत्र और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश से पहाड़ियां हरी-भरी हो गई हैं। निलिया महादेव के झरने के बहने से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है, जो क्षेत्र के लिए एक अच्छी खबर है।