
चित्तौड़गढ़. सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम को लेकर 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के सड़कों पर चलने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। अब राज्य सरकार की ओर से प्रादेशिक व जिला परिवहन अधिकारियों को खास तौर पर आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, फिलहाल यह आदेश और इस तरह की व्यवस्था सरकारी वाहनों के लिए ही लागू की जा रही है। निजी वाहनों को इससे अलग रखा गया है।
पूर्व रजिस्ट्रेशन भी माना जाएगा रद्द
उक्त नियमों के अनुसार स्पष्ट है कि अब ऐसे राजकीय वाहनों का रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन पूर्व में हो चुका है तो रजिस्ट्रीकरण की तारीख से 15 वर्ष पूर्ण होने पर ऐसे वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र रद्द हुआ माना जाएगा। यह नियम देश की रक्षा के लिए कार्यात्मक प्रयोजन और आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष प्रयोजन यानों पर लागू नहीं होगा।
यह भी पढ़ें : बीकानेर की भुजिया के विदेशों में भी है दीवाने, हर माह होता है इतने अरब रुपए का कारोबार
जिले में दौड़ रहे कई खटारा वाहन
वैसे अधिकांश विभागों में किराए पर अनुबंध कर वाहनों को रखा जाता है तो इसमें मॉडल को लेकर विशेष जोर रहता है। इसके अलावा सरकार की ओर से भी नियमानुसार कंडम घोषित कर नए वाहन उपलब्ध कराए जाते रहते हैं। इसके बावजूद कुछ सरकारी कार्यालयों में अरसा पुराने वाहनों को दौड़ाया जा रहा है। इससे सडक़ दुर्घटना होने की आशंका रहती है।
यह भी पढ़ें : बोर्ड के बदले नियम, अब इतने प्रतिशत से कम आए नम्बर तो होंगे फेल!
जारी की थी अधिसूचना
सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 16 जनवरी 2023 को अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें केन्द्रीय मोटर यान नियम 1989 के नियम 52 के पश्चात 52 क अन्त: स्थापित किया गया। यह नियम 1 अप्रेल 2023 से प्रवृत किए गए। प्रावधानानुसार 52 क में उल्लेखित स्वामित्व के राजकीय वाहन रजिस्ट्रेशन की तारीख से 15 वर्ष बाद सडक़ पर संचालन योग्य नहीं रहेंगे।
Published on:
07 Aug 2023 11:42 am
बड़ी खबरें
View Allचित्तौड़गढ़
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
