
चित्तौड़गढ़। हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है। प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व सात सितबर से प्रारंभ होगा। इस दिन से घर-घर में लोग गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं।
स्थापना से पूर्व लोग घर पर ही ईको फ्रेंडली मूर्ति बना रहे हैं। वहीं, बाजार से मंगलमूर्ति की प्रतिमा खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान गणपति के भक्त रख रहे हैं। भगवान गणेश की प्रतिमा लेते समय इस बात का भी विशेष ध्यान देना चाहिए कि गणपति बप्पा की मूर्ति में मूषक जरूर हो। उनके हाथ में मोदक भी हो। मूषक गणपति बप्पा का वाहन है। इस तरह की मूर्ति लाना बेहद शुभ माना जाता है। स्थापना से पहले पूरे परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
मूर्ति खरीदते समय इस बात पर ध्यान दें कि गणेशजी की मुद्रा और सूंड की दिशा कैसी है। बायीं ओर झुकी हुई सूंड वाले गणेशजी को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। माना जाता है कि गणपति की ऐसी मूर्ति लाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
गणेश चतुर्थी पर्व के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 10 दिन तक उनकी पूजा आराधना करते हैं। कुछ लोग यह स्थापना थोड़े समय के लिए करते हैं। कोई 3 दिन, कोई 5 दिन तो कोई 7 दिन प्रतिमा विराजित रखते हैं। हालांकि, ज्योतषियों का कहना है कि यदि अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन करते हैं तो इसका भी विशेष महत्व है।
इसी तरह भगवान गणेश के प्रतिमा की रंग की बात करें तो भगवान गणेश की सिंदूर के रंग की प्रतिमा घर में लाना शुभ माना जाता है। गणपति के इस रंग की प्रतिमा लाने से घर में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है, जीवन में चल रही परेशानी दूर होती है। वहीं भगवान गणेश की सफेद रंग की प्रतिमा स्थापित करने पर घर में खुशहाली आती है।
इसके साथ ही भगवान गणेश की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्थापित करना शुभ होता है। यह दिशा मां लक्ष्मी और भगवान शिव की दिशा मानी जाती है। ऐसे में गणेशजी का मुख इस दिशा में रखने से गणेश भगवान के साथ-साथ महादेव और मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गणेश चतुर्थी का पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में आने वाली बाधाओं को एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए। गणपति की पूजा से हम सबकी खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं। महंत चेतनदास, मुंगाना धाम, कपासन
गणेश चतुर्थी हमारे समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देती है। भगवान गणेश की पूजा से हम अपने भीतर की अशुद्धियों को दूर कर सकते हैं और सही मार्ग पर चल सकते हैं।- महंत रामनारायण पुरी, श्रीकालिका मंदिर, दुर्ग
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। यह पर्व हमें अपने कर्मों में निष्ठा और धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता है। -महंत रामबालक दास, सावा
गणेश चतुर्थी का पर्व हमें भगवान गणेश के आदर्शों से प्रेरित करता है। यह समय है जब हम अपने आत्म-संयम और संयमित जीवन की ओर ध्यान दें।-कैलाश गिरि गोस्वामी, आली
Published on:
04 Sept 2024 05:07 pm
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