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किसानों के लिए अच्छी खबर: गांव में हाईटेक होगी खेती, हर ग्राम पंचायत में खुलेंगे कस्टम हायरिंग सेंटर

चित्तौड़गढ़ जिले सहित प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले गांवों में खेती को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने हर ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने का निर्णय किया है।

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Substandard fertilizers seeds and medicines of branded companies found in MP

Substandard fertilizers seeds and medicines of branded companies found in MP- Photo- Patrika

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ जिले सहित प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले गांवों में खेती को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने हर ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने का निर्णय किया है। इन सेंटर पर किसानों को वाजिब किराए पर खेती के लिए अत्याधुनिक उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे।

योजना का सबसे ज्यादा फायदा लघु और सीमांत किसानों को मिलेगा। सेंटर्स से अब महंगे कृषि यंत्रों को किराए पर लेकर आधुनिक तरीके से खेती की जा सकेगी। वहीं, कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर खुली क्रय-विक्रय सहकारी समिति और किसान समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां क्रय-विक्रय समिति या किसान समूह नहीं बने हुए हैं। वहां कोई भी शख्स सेंटर खोल कर आजीविका कमा सकेगा। कृषि विभाग के अनुसार चित्तौडग़ढ़ जिले में करीब तीन लाख से ज्यादा किसान खेती से जुड़े हुए हैं।

किसानों को दिए जाएंगे यह उपकरण

कस्टम हायरिंग सेंटर पर ट्रैक्टर, ड्रोन स्प्रेयर, चॉपसर, हार्वेस्टिंग मशीन, रोटावेटर, प्लाऊ, कल्टीवेटर, मल्टीक्रॉप थ्रेशर, सीड ड्रिल मशीन, पावर टिलर, रीपर कम बाइंडर, लैंड लेवलर, स्ट्रॉ रीपर, पेस्ट कंट्रोल स्प्रेयर, हैपी सीडर जैसे आधुनिक उपकरण किसान किराए पर ले सकेंगे।

किसानों को होगा फायदा

खेती की जोत घटने के कारण लघु व सीमांत किसानों को बुवाई और थ्रेसिंग के समय अक्सर कृषि यंत्रों की कमी महसूस होने लगती है। जिससे किसान समय पर खेती नहीं कर पाते। खेती की लागत लागत भी बढ़ जाती है। कई बार तो बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा के समय किसान को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए इन किसानों को अब खेती किसानी के लिए लाखों की मशीनें खरीदने के बजाय कम किराए पर उपकरण मिल जाएंगे। जिससे खेती में आधुनिकता के साथ बुवाई और कटाई कर सकेंगे। वहीं मशीन के जरिए काम होने से खेती की लागत भी घट जाएगी।

निदेशालय ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के निर्देश दिए है। कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए सरकार ने अनुदान का भी प्रावधान किया है। ग्राम पंचायत में सेंटर खुलने से किसान किराए पर आधुनिक उपकरण लेकर खेती कर सकेंगे।

दिनेश कुमार जागा, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार चित्तौड़गढ़