
गोरा-बादल स्टेडियम के फिरेंगे दिन, 3.85 करोड़ से बदलेगी तस्वीर
चित्तौडग़ढ़
युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए अब जल्द ही शहर के गोरा-बादल स्टेडियम के दिन फिरने वाले हैं। करीब ३.८५ करोड़ रूपए खर्च कर स्टेडियम का पुनर्निर्माण किया जाएगा, जिसमें कई सुविधाएं दी जाएगी।
गोरा-बादल स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार ने ३.८५ करोड़ रूपए की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी है। नगर परिषद आयुक्त रविन्द्र सिंह यादव ने बताया कि राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण बोर्ड अध्यक्ष सुरेन्द सिंह जाड़ावत के प्रयासों से यह तकनीकी स्वीकृति जारी हो सकी है। इस कार्य के लिए सभापति संदीप शर्मा ने नगर परिषद बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखकर प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति मण्डल बैठक में जारी की थी। इसके बाद इसकी डीपीआर तैयार करवाई गई, जिसमें मुख्य रूप से स्टेडियम में पानी भरने की समस्या से निजात पाने के लिए अर्थ फिलिंग, रोलिंग करवाई जाएगी। मैदान के चारों तरफ ड्रेन बनाकर पानी की निकासी की व्यवस्था की जाएगी। आमजन व खेल प्रेमियों के लिए स्टेडियम में टॉयलेट, कैंटीन, सड़क, पेवेलियन ब्लॉक, पाथवे, सेनेटरी तथा शेड का निर्माण करवाया जाएगा।
होगी वाहन पार्किंग व्यवस्था
स्टेडियम में कार्यक्रम के दौरान यातायात बाधित नहीं हो, इसके लिए अलग से स्टेडियम परिसर में तीस फीट चौड़ी सड़क व पार्किंग का निर्माण करवाया जाएगा। स्टेडियम के प्रवेश द्वार को भव्य बनाने का कार्य भी किया जाएगा। इन सब कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए पिछले दिनों राज्य सरकार को भेजा गया था। स्थानीय निकाय विभाग के मुख्य अभियंता ने तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है। सभापति शर्मा ने परिषद के तकनीकी अधिकारियों को निविदा आमंत्रित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जल्द ही यह काम शुरू किया जा सके। गौरतलब है कि भीतरी शहर में यह एक मात्र स्टेडियम है और इसका निर्माण कई सालों पहले हुआ था, जिसके पुनर्निर्माण की मांग की जा रही थी।
तथ्य छिपा बनवाए पट्टे नगर परिषद कर सकेगी निरस्त
प्रशासन शहरों के संग अभियान में तथ्य छिपाकर पट्टे बनवाने वाले ज्यादा दिन खैर नहीं मना सकेंगे। ऐसे पट्टों को अब नगर परिषद अपने स्तर पर ही निरस्त कर सकेगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में शक्तियां प्रदान कर दी है।
प्रशासन शहरों के संग अभियान आमजन को उनकी भूमि व भवन का विधिक अधिकार देने की दृष्टि से संचालित किया जा रहा है। नगर परिषद चित्तौडग़ढ़ द्वारा इस अभियान में त्वरित गति से आमजन की पत्रावलियों का निस्तारण करने का प्रयास कर पट्टे देने की कार्रवाई की जा रही है, ताकि आम जनता को शीघ्र राहत मिल सके। गलत तरीके से सही तथ्यों को छिपाकर पट्टा बनवाना सही नहीं है। यदि कोई व्यक्ति अवैध तरीके से पट्टा बनाने में कामयाब भी हो जाता है तो नगर परिषद को अब राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 73 ख के अंतर्गत ऐसे पट्टों को निरस्त करने की शक्तियां प्रदान कर दी गई है। पहले यह अधिकार न्यायालय के पास होने के चलते नगर परिषद इस संबंध में तुरंत संज्ञान नहीं ले पाती थी। जिससे ऐसे मामलों का निपटारा न्यायालय के निर्णय के बाद ही हो पाता था। नगरपरिषद आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने आमजन से भी आग्रह किया है कि यदि प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टा जारी होने से पूर्व या बाद में किसी के भी संज्ञान में कोई गलत पट्टा जारी करने या कोशिश करने की जानकारी आती है तो वह दस्तावेज सहित नगर परिषद को सूचित करें। ऐसे पट्टे गलत पाए जाने पर नगर परिषद द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। गलत तथ्यों के आधार पर पट्टे बनवाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
Published on:
30 Jul 2022 06:04 pm
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