सांवलियाजी चौराहा स्थित प्राकट्य स्थल मंदिर पर भी वाटर प्रुफ डोम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी तडके 4 बजे तक चले। यहां पर संस्कृति इवेन्ट्स कोटा के तत्वाधान में जितेन्द्रसिंह हाडा ग्रुप द्वारा राजस्थानी व पश्चिमी नृत्यों की प्रस्तुती दी। इस दौरान कलाकार महेन्द्र अलबेला, राजस्थान की प्रसिद्ध गौरी-नागौरी ने भी प्रस्तुतीयां देकर मन मोहा।
सजाई भगवान वामन अवतार की झांकी
मेले के अंतिम दिन दोपहर में भगवान वामन अवतार जन्म की विशेष झांकी सजाई गई। भगवान की राजभोग आरती के बाद विशेष आरती की गई तथा भगवान वामन अवतार की झांकी सजाई गई। इस झांकी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमड पडी। इसके बाद एक बजे मंदिर के पट बंद हुए।
अंतिम दिन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने पहुंच कर खूब खरीदारी की। मेले का अंतिम दिन मण्डफिया सहीत आस-पास के गांवो की महिलाओं का रहता है, जिसमें वे घरेलू सामग्री सहीत कई खरीदारी करते है। मंगलवार को भी प्रात: से ही ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की भीड बाजारों में देखी गई।
श्रीसांवलियाजी मन्दिर क्षेत्र रंगीन रोशनी की साज-सज्जा से नहा उठा। रात का नजाऱा अत्यन्त आकर्षक और मनोहारी बना रहकर मेलार्थियों को सुकून देता रहा। बड़ी संख्या में मेलार्थियों मन्दिर परिसर एवं धाम के विभिन्न स्थलों के कैमरों एवं मोबाइल से फोटो एवं सेल्फी लेने का शौक पूरा किया और इन छवियों को सोशल मीडिया पर अपलोड किया।