
चित्तौड़गढ़। लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनावी दौरे भी शुरू कर चुके हैं। चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र में आयु वर्ग के लिहाज से सबसे ज्यादा वोटर युवा हैं। इनकी तादाद कुल मतदाताओं से लगभग आधी है। यानी जिसके पक्ष में इस वर्ग का झुकाव हो जाएगा, वह प्रत्याशी दूसरे पर भारी पड़ेगा। युवाओं में महिला मतदाताओं की संख्या भी अच्छी है। चित्तौडग़ढ़ संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, कपासन, बड़ीसादड़ी, बेगूं के साथ ही वल्लभ नगर, मावली और प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
संसदीय क्षेत्र के कुल करीब 21 लाख से ज्यादा मतदाता हैं और अब भी मतदाता सूचियों में नाम जोडऩे का काम जारी है। संसदीय क्षेत्र के आठ ही विधानसभा क्षेत्रों में 18 से 39 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 10 लाख 45 हजार 9 है। युवा मतदाता क्या सोचते हैं, किस तरह की राजनीति को पसंद करते हैं, इस पर प्रत्याशियों को ध्यान देना होगा।
जिले में विधानसभा चुनाव के करीब चार माह बाद लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। इस दौरान जो किशोर 18 वर्ष के हो गए, उनके नाम मतदाता सूची में जोड़ दिए गए हैं। संसदीय क्षेत्र में 62 हजार 727 मतदाता पहली बार मतदान करेंगे।
बुजुर्ग मतदाताओं में 60 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या की अच्छी खासी है। तीन विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक हैं। ऐसे में बुजुर्गों के अनुभव और युवाओं की सोच मिलकर जनादेश की दिशा तय करेंगे।
चित्तौड़गढ़ में बीजेपी और कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के सामने कांग्रेस ने पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना को उतारा है। जोशी 2014 से यहां के सांसद हैं। पिछली बार उन्होंने कांग्रेस के गोपाल सिंह को बड़े मतों से पराजित किया था। कांग्रेस ने इस बार चेहरे को रिपीट ना करते हुए पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना को उम्मीदवार बनाया है। आंजना निम्बाहेड़ा-छोटीसादड़ी विधानसभा से 2 बार विधायक चुने गए हैं। इससे पहले आंजना चित्तौड़गढ़ से सांसद रह चुके हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के करीबी हैं।
Published on:
21 Mar 2024 05:49 pm
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