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550 से अधिक छात्र एक लैब असिस्टेंट के भरोसे

चित्तौडग़ढ़. एक ओर जहां पर सरकार शिक्षा को लेकर करोड़ों का बजट जारी कर रही है वहीं दूसरी ओर उच्च शिक्षा को लेकर की जा रही अनदेखी से सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकार मे नजर आ रहा है। यहां पर वर्ष २०१५ में खोले गए महाविद्यालय केवल एक लेब अस्टिेंड के भरोसे चल रहा है। ऐसे में यहां पर प्रवेश लेने वाले करीब साढ़ेपांच सौ बच्चों का भविष्य अधर में आ गया है।

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550 से अधिक छात्र एक लैब असिस्टेंट के भरोसे

550 से अधिक छात्र एक लैब असिस्टेंट के भरोसे

चित्तौडग़ढ़. एक ओर जहां पर सरकार शिक्षा को लेकर करोड़ों का बजट जारी कर रही है वहीं दूसरी ओर उच्च शिक्षा को लेकर की जा रही अनदेखी से सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकार मे नजर आ रहा है। यहां पर वर्ष २०१५ में खोले गए महाविद्यालय केवल एक लेब अस्टिेंड के भरोसे चल रहा है। ऐसे में यहां पर प्रवेश लेने वाले करीब साढ़ेपांच सौ बच्चों का भविष्य अधर में आ गया है।
2015 में राज्य सरकार ने बड़ीसादड़ी में महाविद्यालय प्रारम्भ होने की घोषणा के बाद नीमच रोड पर नगरपालिका की करीब दस बीघा जमीन पर महाविद्यालय के निर्माण की नींव रखी गई। तब क्षेत्र के विद्यार्थियों, विशेष तौर पर लड़कियों को उच्च शिक्षा अपनी जद में नजर आने लगी, लेकिन करीब 10 बीघा जमीन पर आनन फानन में बिना किसी ठोस कार्य योजना के बीचों बीच बेतरतीब तरीके से एक हॉल, एक प्राचार्य कक्ष तथा एक ऑफिस का निर्माण कार्य कर दिया गया तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यहां पर कला स्नातक के अध्ययन कार्य के लिए 21 पद सृजित किए गए। 2018 से यहां प्रवेश दिए जाने लगे प्रथम वर्ष में 200 छात्र छात्राओं ने प्रवेश लिया लेकिन, स्टाफ की नियुक्तियां नहीं होने से स्नातक अध्ययन करने तक कभी भी सुचारू कक्षाएं नहीं चल पाई। वर्तमान में इस महाविद्यालय में करीब 550 छात्र छात्राओं का नामांकन है लेकिन विशेष अंग्रेजी, विशेष हिन्दी, संस्कृत, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र तथा राजनैतिक विज्ञान विषयों को पढ़ाने के लिए कोई भी प्रोफेसर नहीं है। केवल लैब असिस्टेंट के पद पर हीरालाल शर्मा की नियुक्ति है जिनके भरोसे विगत तीनों ही सत्र 2018-19, 2019-20 तथा 2020-21 के छात्र यहां अध्ययन कर रहे है।
बाद में यहां होने वाले प्रवेश की खासी संख्या होने से डीएमएफटी योजना के तहत 2019 में तीन कक्षा कक्षों का निर्माण कार्य और किया गया लेकिन गुणवत्ता युक्त कार्य नहीं होने से वर्तमान में उन कक्षों के बाहर के बरामदे का फर्श बैठ गया है। साथ ही देखरेख के अभाव में पूरा महाविद्यालय भवन कंटीली झाडिय़ों से घिर चुका है।

एक व्यक्ति के भरोसे महाविद्यालय
बड़ीसादड़ी महाविद्यालय में स्वीकृत पदों में 7 प्रोफेसर, 1 प्राचार्य, 1 लैब असिस्टेंट, 2 कनिष्ठ सहायक, 1 वरिष्ठ सहायक, 1 लेखाकार, 2 चपरासी, 1 बुक लिफ्टर, 1 लाइब्रेरियन, 1 शारीरिक शिक्षक 1 आशुलिपिक, 1 सहायक लेखा अधिकारी, 1 प्रशासनिक अधिकारी सहित कुल 21 पद स्वीकृत है। लेकिन वर्तमान में केवल लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हीरालाल शर्मा को अपने मूल कार्य भूगोल विभाग सहित प्रवेश प्रक्रिया, लेखा शाखा, स्थापना शाखा, शैक्षणिक शाखा, छात्रवृत्ति कार्य तथा कॉलेज खोलने से लेकर बन्द होने तक के सभी कार्य करने होते हैए जिसके चलते यहां उच्च शिक्षा की आस में प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय है।

मीणा ने किया अवलोकन, उपखण्ड अधिकारी को दिए दिशा निर्देश
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बड़ीसादड़ी महाविद्यालय का निरीक्षण किया, इस दौरान उपखण्ड अधिकारी बिन्दु बाला राजावत, कार्यवाहक तहसीलदार सवाई लाल रैगर साथ रहें। निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर ने डीएमएफटी योजना में निर्मित 3 कक्षा कक्षों का निरीक्षण किया तथा बरामदे के उखड़े हुए फर्श पर असंतोष जताते हुए सम्बन्धित ठेकेदार को दुरुस्त करने के निर्देश प्रदान करने के लिए कहा साथ ही महाविद्यालय के लिए आवंटित की गई खेल मैदान की जमीन का भी अवलोकन किया। इस दौरान शैक्षणिक स्टाफ की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।

. पांच की नियुक्तिए लेकिन कार्यरत केवल एक
4 प्रोफेसर तथा 1 लैब असिस्टेंट की नियुक्ति कॉलेज प्रारम्भ के साथ ही है गई थी, उनमें से तीन प्रोफेसर 5 सितंबर 2021 तक अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर थे जिनमे से 2 के स्थानांतरण हो चुके। 1 प्रोफेसर छोटा राम मेघवाल यहां कार्यरत थे जिनका भी वर्तमान में डीडवाना स्थानांतरण हो गया। जिसके चलते वर्तमान में नामांकित 550 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक भी शैक्षणिक स्टाफ नहीं है।


बकरियां चरा रही महिला से दिनदहाड़े सोने के गहने लूटे

सुखवाड़ा. भदेसर थाना क्षेत्र के पंचदेवला गांव की में बकरियां चरा रही एक महिला से हाईवे के पास दिनदहाड़े अज्ञात चोरों ने गला दबाकर डेढ़ तोले सोने के गहने लूट लिए।
पचदेला गांव निवासी वर्दीबाई पुत्री मांगीलाल भुवई पंचदेवला स्टैंड के पास शनिवार को बकरियां चरा रही थी। इसी दौरान बाइक पर सवार होकर तीन लोग आए और महिला का गला दबाकर 10 फीट तक झाडिय़ों में घसीटते हुए ले गए बाद में वर्दीबाई का गला दबाकर दोनों कानों से सोने के टॉप्स, गले से सोने की रामनवमी, सोने का मादलिया, नाक से लोंग लूट कर ले गए। झपटी करके पैरों से चांदी की कडिय़ां काटने लगे तब वर्दीबाई चिल्लाने लगी पास में पशु चरा रहे है जमुना लाल कुमावत को आवाज सुनाई दी वह दौड़ के आया तब तक तीनों लुटेरे भाग छुटे सूचना पर गांव से कई लोग मौके पर इक_े हो गए झाडिय़ों से घायल हालत में वर्दीबाई को प्राथमिक उपचार के बाद घर ले गए। सरपंच शोभा लाल धाकड़ ने वारदात की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंची। इसके बाद भी रतन धाकड़ जयचंद कुमावत शांतिलाल आदि ग्रामीणों ने आसपास क्षेत्र में तलाशी ली मगर लुटेरों का कहीं पता नहीं लगा।

20 से 30 वर्ष के युवक
लुटेरे 20 से 30 उम्र के थे, लाल शर्ट, टोपी पहन रखी थी। तीन दिन पूर्व पचदेवला ब्रिज के नीचे एक बाइक सवार को चाकू दिखाकर छीना झपटी करने की कोशिश की थी।


फोटो...दो जगह घुसे चोर, हाथ कुछ नही लगा
पारसोली. कस्बे में एक मकान व एक ढाबा पर घुसे चोर। माली मोहल्ले में स्थित यशवंत सिंह चावड़ा के मकान में शुक्रवार रात को चोरों ने मकान के अंदर घुस कर सामानों की तलाशी ली व सामान को बिखेर दिया। परंतु हाथ कुछ नही लगा। इधर पारसोली एन एच 27 सड़क के समीप मुकेश खटीक की गुमटी का शटर ऊंचा कर खाने की सामग्री ले गए। यहां भी चोरों के हाथ विशेष कुछ नही लगा। हालांकि कस्बे में हुई दो जगह चोरी की रिपोर्ट पारसोली थाने में दर्ज नही करवाई। पारसोली कस्बे में आए दिन चोरियों से ग्रामीणों में डर व्याप्त हैं। इन 10 दिनों में कस्बे में 4 जगह चोर घुस चुके है। लगातार बढ़ रही चोरियों से चोरों के हौसले बुलंद होते जा रहे है।