जिले में फसलों की सिंचाई के लिए किसान मोटरें चलाते है। ऐसे में कई जगह क्षमता से अधिक लोड आने पर यह टांसफार्मर जल रहे है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि कई किसानों ने कम एचपी का कनेक्शन ले रखा है और मोटर अधिक लोड की है। वहीं एक ही ट्रांसफार्मर से अधिक कुओं पर भी सिंचाई होने से लोड बढ़ जाता है और ट्रांसफार्र्मर जल जाता है।
निगम के अनुसार सभी ट्रांसफार्मर की दर अलग होती-होती है। अनुमान के अनुसार एक ट्रांसफर्मर की लागत करीब तीस हजार है। इस लिहाज से आठ सालों में ६४ हजार ५८३ ट्रांसफार्मर जल कर यह राशि एक अरब ९६ करोड़ से अधिक होती है।
वर्ष 2014 से पहले निगम कृषि कनेक्शन के लिए सामूहिक ट्रांसफार्मर लगाता था। इसके बाद अलग-अलग ट्रांसफार्मर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई। तभी से इनकी संख्या में इजाफा हो गया।
वर्ष थ्री फेज सिंगल फेज कुल
२०२०-२१ ६८५८ १०१६ ७८७४
२०१९-२० १०१२६ १३८० ११५०६
२०१८-१९ ६७६१ ८४४ ७६०५
२०१७-१८ ७३७२ १०८९ ८४६१
२०१६-१७ ७७१७ ११९० ८९०७
२०१५-१६ ६४८१ ८७५ ७३५६
२०१४-१५ ६३८२ ८२३ ७२०५
२०१३-१४ ४७७१ ८९८ ५६६९
कुल ५६४६८ ८११५ ६४५८३