चित्तौडग़ढ़. कोई व्यक्ति या दल देश से बड़ा नहीं होता है। सबसे ऊपर राष्ट्रहित व सेवा है। यह बात शनिवार को यहां इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में सावरकर दर्शन प्रतिष्ठान राजस्थान की ओर से इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में दो दिवसीय अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय चिंतक पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कही। प्रखर वक्ता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सावरकर का मतलब ही सच है। हमें सच की ताकत को समझना हेिागा और वर्ष २०२३ में सच बोलना होगा। कोई देश तकनीकी रुप से भले ही कितना ही ताकतवर हो जाए लेकिन सच की ताकत सबसे बड़ी है। सच को कभी मिटाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति के मन में राष्ट्रहित का भाव होगा , तब ही सेवा का भाव भी जागृत होगा। हमारी सोच को बदलने की आवश्यकता है। हम जात-पात में बंटे हुए हैं। हम जाति के आधार पर वोट देते है जबकि हमें राष्ट्रहित में वोट करने की जरूरत है। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि कुछ लोग जातिवाद के नाम पर सत्ता तक पहुंच रहे है जो देश हित में नहीं है। हमें इस भटकाव से बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में की दिशा में सोचो। सिर्फ डिग्री लेने का अर्थ ज्ञान नहीं होता। ज्ञान भीतर से पैदा होता है। कुलश्रेष्ठ ने देश की आजादी से पहले और बाद के कई प्रसंग स़ुनाते हुए कहा कि आजादी के बाद भी वर्षों तक हमारी मानसिकता में अंग्रेज रहे। अब धीरे धीरे बदलाव आ रहा है। हिन्दू जागृत हो रहा है। कुलश्रेष्ठ को सुनने के लिए सभागार श्रोताओं से भरा हुआ था।
द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता दामोदर अग्रवाल ने सावरकर जी के विचारों पर प्रकाश डाला। तृतीय सत्र को संबोधित करते हुए सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर ने कहा कि हिंदुत्व का आयोजन समस्त हिंदुओं को एकजुट करना था। 1921 में जो खिलाफ त आंदोलन हुआ वह तुर्किस्तान के खलीफा के समर्थन में ब्रिटिश विरोधी था परंतु उसमें हिंदुओं को मारा गया क्योंकि हिंदू जात पात एवं भाषा में बैठा हुआ था आज भी हमें एक समग्र राष्ट्र बनना है तो जात पात पंत भाषा इत्यादि छोड़कर जाति विहीन समाज बनाना आवश्यक है ै। इसके इसके बाद सत्र को मीना बुड़के, डॉ अशोक मोडक, डा संजीव तिवारी, मेजर जनरल अनुज माथुर, संजय पाटिल, चन्द्र कांत जोगलेकर ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं जयपुर विधाधर विधायक नरपत सिंह राजवी, चंद्रभान सिंह आक्या, ललित ओस्तवाल, अर्जुन लाल जीनगर, जिला प्रमुख सुरेश धाकड़, आयोजन समिति के अध्यक्ष अनिल सिसोदिया, संरक्षक राजेश भट्ट, गोपाल चरण सिसोदिया, सावरकर प्रतिष्ठान मुंबई अध्यक्ष भिकू दादा ईदातें, संस्थान के सचिव रविंद्र माधव साठे, प्रदेश संयोजक विजय पारीक, संभाग संयोजक लोकेश त्रिपाठी, उपाध्यक्ष हरीश ईनानी, रमेश बोरीवाल, संभाग महिला प्रभारी रश्मि सक्सैना, सुशील शर्मा, रघु शर्मा, श्रवण सिंह राव, हर्षवर्धन सिंह, गौरव त्यागी, विनोद चपलोत, शेखर शर्मा, परमजीत सिंह, राघव गर्ग, राजन माली, मनोज पारीक आदि ने भारत माता एवं सावरकर की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ। इससे पूर्व संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया । इस दौरान उधोगपति रवि वाधवानी, विश्वनाथ टॉक, गोवर्धन जाट, रामप्रसाद बगेरवाल, राजन माली, चेतन गौड, सुरेश झंवर, अनिल ईनाणी, कैलाश गुर्जर, भरत जागेटिया, नवीन पटवारी, बद्री लाल जाट, सुरेश बांगड़, विनित तिवारी आदि उपस्थित रहे ।
ली गहलोत पर चुटकी
कुलश्रेष्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे तो राजस्थान साक्षर प्रदेश है फिर भी यहां के मुखिया पुराना बजट का वाचन कर देते है। इससे देश की प्रतिष्ठा ध्ूामिल होती है।
सनातन धर्म की कोई उम्र नहीं
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हर धर्म का इतिहास है कि वह इतने साल पुराना है लेकिन सनातन धर्म की कोई उम्र नहीं जबसे ब्रह्माण बना है तब से सनातन धर्म है।