
So far more than fifty have taken the pledge to donate the body
चित्तौडग़ढ़. स्वस्थ जीवन की अनमोल धरोहर है कहते हैं पहला सुख निरोगी काया स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज व स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को सदैव अनेका अनेक प्रयास करने पड़ते हैं जैसे प्राणायाम, योगा, घूमना . फिरना, कसरत आदि अनेक उपाय करके व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहते हैं और रहते भी हैं किंतु इससे इतर कई बार हम जटिल बीमारियों के शिकार हो जाते हैं और उसके लिए दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है और वही दवाइयां हमें स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध होती है । आज के प्रदूषित वातावरण में हमें आयुर्वेदिक या सनातनी नुस्खों के साथ एलोपैथिक दवाइयों की शरण में जाकर भी अपने आप को स्वस्थ रखना हमारे लिए जीवन व्यवस्था का अंग बन चुकी है ।
क्या हमने कभी सोचा है कि यह दवाइयां विकसित कैसे होती है। क्या हम कभी इसमें मददगार बनने का प्रयास करेंगे ।
हम स्वस्थ मानव समाज निर्माण के लिए जीते जी अगर कुछ नहीं कर पाए तो क्या मरणोपरांत कुछ करने का प्रयास कर सकते हैं सवाल आता है इसमें भला हम कैसे मदद कर सकते हैं ।
इस पर चित्तौडग़ढ़ की संस्था आचार्य तुलसी बहुउद्देशीय फाउंडेशन के संस्थापक सुनील ढ़ीलीवाल बताते हैं कि हमने महर्षि दधीचि की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देहदान संकल्प कार्यक्रम शुरू किया। क्योंकि हमारा मानना है कि किसी भी दवा का इजाद करने के लिए बीमारी की खोज जरूरी है और बीमारी का पता लगाने के लिए रिचर्स जरूरी है और कोई भी रिचर्स बिना मानव देह के संभव नहीं है क्योंकि मानव देह एक किताब का कार्य करती है । जब यह बात आम लोगों की जानकारी में लाई गई तो जिले से ही मात्र 2 वर्ष में 50 से ज्यादा लोगों ने मरणोपरांत देहदान संकल्प पत्र भरकर स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र की संरचना में अपना अप्रत्यक्ष योगदान देकर सिद्ध कर दिया कि हम भी स्वस्थ समाज के लिए कुछ ना कुछ कर सकते हैं ।
इसी प्रकार अभी तक हमारी संस्थ की ओर से तीन देह भवंललाल सिसोदिया, अभय चोपड़ा की देह भीलवाड़ा एवं गीता देवी उपाध्याय कि देह उदयपुर एनोटॉमी विभाग को सौंप कर इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं ।
इन्होंने लिया देह दान का संकल्प
शीतल गोविंद अरोड़ा, ललिता अभय चोपड़ा, अजय गगरानी, साधना गगरानी, उषा गोस्वामी, किरण कुमार मेहरा, राजमल डगवार, प्रशांत डगवार, अनुराधा डगवार, पारुल भंडारी, अभिषेक भंडारी, हेमलता भंडारी, पिंकी जैन, कल्पना भंडारी, गीता कोठारी, दीपक कोठारी, गीतिका सोनी, अंकित सोनी, लीला शंकर सुखवाल, रेखा विजयवर्गीय, रजनीश विजयवर्गीय, चंपा गिदवानी, जगदीश गिदवानी, इंदिरा काबरा, पार्वती सालवी, मदनलाल सालवी, प्रेमलता सियाल, लक्ष्मी नारायण कुमावत जगदीश त्रिपाठी, लीलाराम तेली, भगवती लाल श्रीमाली, आनंद पुरी गोस्वामी, रानी पुरी गोस्वामी, कविता चुगवानी निम्बाहेड़ा के अलावा भी काफी लोगो ने आगे आकर अपना योगदान दिया है ।
राष्ट्रनिर्माण में सहयेागी बनें
स्वस्थ समाज निर्माण के अनेकानेक विकल्पों के साथ ही देहदान को अपने जीवन का मिशन बनाकर स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अप्रत्यक्ष सहयोगी बने व स्वस्थ समाज के लिए थेलेसिमिया जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए संस्था से जुड़कर अपना योगदान देने का संकल्प ले तभी हमारा यह दिवस मानाना सार्थक होगा ।
सुनील ढीलीवाल, संस्थापक एटीबीएफ
Published on:
08 Apr 2022 07:30 pm
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