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चित्तौड़गढ़ में बढ़ी हुई दरों से रजिस्ट्री का काम शुरू, महिलाओं के नाम पर मिलेगी छूट; इन पर ये पड़ेगा असर

Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ के साथ ही जिले के अन्य उप पंजीयन कार्यालयों में भी बढ़ी हुई दर से रजिस्ट्री का काम शुरू हो गया है। यह बढ़ोत्तरी अप्रेल माह में डीएलसी दरों में की गई बढ़ोत्तरी के अलावा है।

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चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में एक बार फिर जमीनों की डीएलसी दरें बढ़ने से प्रोपर्टी की रजिस्ट्री करवाने की दरें बढ़ गई हैं। चित्तौड़गढ़ के उप पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय में क्षेत्रवार डीएलसी दरों के अनुसार विभागीय कप्यूटर्स में सॉटवेयर अपडेट कर दिए गए हैं। चित्तौड़गढ़ के साथ ही जिले के अन्य उप पंजीयन कार्यालयों में भी बढ़ी हुई दर से रजिस्ट्री का काम शुरू हो गया है। यह बढ़ोत्तरी अप्रेल माह में डीएलसी दरों में की गई बढ़ोत्तरी के अलावा है।

जिले में डीएलसी दरों से 5 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। इसमें शहरी क्षेत्र में पन्द्रह से बीस फीसदी तक और ग्रामीण क्षेत्रों में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। चित्तौड़गढ़ में गांधी नगर, चंदेरिया, मधुवन, महेशपुरम, शास्त्री नगर, चामटीखेड़ा सहित विभिन्न कॉलोनियों में भी डीएलसी दरों में बढ़ोतरी हो गई हैं। डीएलसी दरें बढ़ने से अब रजिस्ट्री करवाना महंगा हो जाएगा। हालांकि रजिस्ट्री महिला के नाम होने पर सरकार की ओर से कुछ छूट हैं। चित्तौड़ जिले में जिला मुख्यालय व निबाहेड़ा में उप पंजीयन कार्यालय है। जबकि शेष जगह तहसील में पंजीयन कार्य होता है।

शहर में वर्गमीटर व कृषि भूमि की हैक्टेयर में रजिस्ट्री

शहरी क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री का पैमाना वर्गमीटर में निर्धारित किया गया है। इसके अलावा गांवों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री बीघा के बजाए अब हैक्टेयर में होगी। सिंचित कृषि भूमि की डीएलसी दरों में भी 50 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई हैं।

इन पर ये पड़ेगा असर

किसानों को बढ़ी हुई दरों से मिल सकेगा डेढ़ गुना तक मुआवजा। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में डीएलसी दरें बढ़ने से विकास के साथ अधिग्रहीत होने वाली भूमि के बदले किसानों को अब नई दरों से मुआवजा मिल सकेगा। उन्हें अधिक मुआवजा मिलेगा। बाजार में भी ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि के दाम बढ़ेंगे।

सरकार का राजस्व बढ़ने के साथ ही पंजीयन का शुल्क भी बढ़ जाएगा। ऐसे में राज्य सरकार को पंजीयन से मिलने वाला राजस्व बढ़ेगा। विकास के लिए भूमि अधिग्रहीत करने में राज्य सरकार को आसानी होगी। अधिग्रहण को लेकर आपत्तियां घटेगी।

प्रोपर्टी में आएगा बूम

डीएलसी रेट बढ़ने से खरीदार को प्रॉपर्टी पर अधिक ऋण मिल सकेगा। बाजार में डीएलसी दर और वास्तविक मूल्य में अंतर कम होगा। अवैध रूप से कृषि भूमि बेचने वाले लोगों पर भी अंकुश लगेगा। डीएलसी दरें बढ़ने से बाजार में खरीदारी का जोर बढ़ेगा। आमजन को रजिस्ट्री शुल्क ज्यादा देना पड़ेगा, बाजार में कीमत बढ़ेगी। रजिस्ट्री करवाने पर अब प्रॉपर्टी की डीएलसी के अनुसार बढ़ी हुई कीमत से कुछ ज्यादा शुल्क देना होगा। पर बाजार में प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ेगी।

इस तरह आगे बढ़ा डीएलसी बढ़ाने का क्रम

राज्य सरकार ने जून में सभी जिलों की जिला स्तरीय कमेटी (डीएलसी) से प्रस्ताव मंगवाए थे। इन प्रस्तावों को लेकर बैठक हुई। इसके बाद जिला स्तरीय कमेटी ने बढ़ी हुई डीएलसी दरों के प्रस्ताव भेजे। बैठकों में तय दरों को अब वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद 1 दिसबर से पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ओर से लागू कर दिया गया है।

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