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साढ़े 18 हजार करोड़ से विकसित होंगे राजस्थान के ये 40 शहर, हमारा चित्तौड़ शामिल नहीं

Chittorgarh Big News : प्रदेश की भजनलाल सरकार शहरों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के 40 शहरों का डवलपमेंट होगा, जिस पर करीब 18500 करोड़ रुपए खर्च होंगे लेकिन इसमें चित्तौड़गढ़ का नाम शामिल नहीं है।

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चित्तौड़गढ़. प्रदेश की भजनलाल सरकार शहरों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के 40 शहरों का डवलपमेंट होगा, जिस पर करीब 18500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस राशि का 70 प्रतिशत यानी 13 हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक और एशियन विकास बैंक से लोन के रूप में लिया जाएगा और बाकी साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए राज्य सरकार वहन करेगी। हालांकि, इस सूची में हमारा चित्तौड़गढ़ शामिल नहीं है। ऐसे में भविष्य में चित्तौड़गढ़ के विकास की दौड़ में पिछड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। डवलपमेंट को इनवेस्टमेंट (निवेश) के साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार का मानना है कि जिन शहरों में डवलपमेंट होगा, वहां ज्यादा निवेशक पहुंचते हैं।

यह काम राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना के पांचवें चरण में होगा। नगरीय विकास मंत्री इसका खाका तैयार कर रहे हैं और सीएम स्तर पर मुहर लगने के बाद प्रस्ताव आगे बढ़ेगा। इसके बाद मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स के पास जाएगा। इस प्रक्रिया में करीब छह माह लगने का अनुमान है।

इन जिलों के 26 शहर शामिल

जयपुर के 12 सैटेलाइट टाउन- दूदू, चौमूं, बस्सी, बगरू, चाकसू, जोबनेर, फुलेरा, शाहपुरा, रींगस, श्रीमाधोपुर, खाटूश्यामजी, दौसा (प्रस्ताव में सीकर के शहरों और दौसा को जयपुर जोन में ही शामिल किया है)

जोधपुर के 4 सैटेलाइट टाउन- पीपाड़ शहर, बिलाड़ा, सोजत, बालेसर साटन

अजमेर के 3 सैटेलाइट टाउन- पुष्कर, किशनगढ़, ब्यावर

कोटा के 3 सैटेलाइट टाउन- बूंदी, कैथून, केशोरायपाटन

भरतपुर के 4 सैटेलाइट टाउन- कुहेर, नगर, नदबई, डीग शामिल होंगे।

इस तरह होगा डवलपमेंट

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर 24 घंटे पेयजल आपूर्ति।

सीवरेज सुविधा उपलब्ध कराने, इंडस्ट्रीयल और कृषि के लिए परिशोधित जल की उपलब्धता।

ठोस कचरा प्रबंधन को प्रभावी तरीके से लागू करते हुए जीरो वेस्ट मॉडल पर काम होगा।

बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन और हानिकारक अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार किया जाएगा।

विरासत को सहेजने, मनोरंजन सुविधाएं विकसित करने, सौन्दर्यन, चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने पर काम।

रोड लाइट के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना।

ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी की दिशा में काम।

ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने, सड़कों की री-मॉडलिंग, पार्किंग स्थलों का निर्माण।

बस स्टैंड डवलपमेंट, सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम और इंटर सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार।

आरयूआईडीपी के पांचवें चरण के तहत होगा काम

जनप्रतिनिधि उठाएं चित्तौड़ की आवाज

विकास की दौड़ में आगे बढ़ने की आस लिए चित्तौड़गढ़ भी जनप्रतिनिधियों की ओर देख रहा है। यहां पर्यटन और खनन आधारित उद्योगों को अगर बढ़ावा दिया जाए तो चित्तौड़ भी विकास के नए आयाम छू सकता है। विश्व धरोहर में शुमार चित्तौड़ दुर्ग पर्यटन के क्षेत्र में ‘यूएसपी’ साबित हो सकता है। इसी के साथ श्रीसांवलियाजी को जोड़ते हुए धार्मिक सर्किट भी तैयार किया जा सकता है। सीमेंट के रॉ मटेरियल लाइम स्टोन व चाइना क्ले सहित अन्य तरह के पत्थर उगलने वाले चित्तौडग़ढ़ जिले के कुछ क्षेत्र में तांबा के भी भंडार मिले हैं। सरकार शहरों के इस विकास की योजना में डवलपमेंट को इनवेस्टमेंट (निवेश) से जोड़ कर देख रही है। खनिज, धार्मिक और ऐतिहासिक धाती को समेटे चित्तौड़ सरकार की मंशा पर खरा उतर सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को लगातार तीसरी बार सांसद चुना है। जिले के पांच में से चार विधायक भी सत्तारूढ़ दल के हैं। इनमें से एक गौतम दक तो मंत्री भी हैं। ऐसे में जिले की जनता जनप्रतिनिधियों की ओर देख रही है कि वे सरकार के सामने चित्तौड़गढ़ को भी इस योजना में शामिल करने की पैरवी करेंगे।

दस संभागीय मुख्यालय

राज्य के दस संभाग मुख्यालय जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, पाली, सीकर और बांसवाड़ा भी योजना में शामिल होंगे।

यह शहर भी शामिल

इनके अलावा ज्यादा जनसंया वाले शहर चूरू, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं और टोंक शामिल हैं।

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