24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बेटियों को क्यों जरूरी गुड टच, बैड टच के बारे में समझाना

मासूम बेटियों से बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। किस पर भरोसा करे और किस पर नहीं करे ये समझ पाना भी कठिन हो रहा है। स्मार्ट फोन एवं सोशल मीडिया के जमाने में हमारी बेटियों की सुरक्षा पर खतरा निरन्तर बढ़ रहा है।

2 min read
Google source verification
chittorgarh

चित्तौडग़ढ़ में बालिकाओं की जागरूकता मुहिम शुरू करने के लिए बैठक करती विभिन्न वर्गों की महिला प्रतिनिधि।


चित्तौडग़ढ़. मासूम बेटियों से बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। किस पर भरोसा करे और किस पर नहीं करे ये समझ पाना भी कठिन हो रहा है। स्मार्ट फोन एवं सोशल मीडिया के जमाने में हमारी बेटियों की सुरक्षा पर खतरा निरन्तर बढ़ रहा है। ये खतरा कई नए रूपों में भी सामने आ रहा है,जिनमें से ही एक रूप बच्चियों के साथ छूकर गलत व्यवहार करना है। इसे बैड टच भी कहा जाता है। शहरों में इस तरह की कई घटनाएं उजागर होने के बाद अब सरकार व बाल विकास से जुड़ी संस्थाओं का फोकस भी बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में समझाने पर हो गया है। इस तरह की घटनाओं के बारे में कई बार मासूम बच्चियां समझ के अभाव में उसे बयां नहीं कर पाती है और दुव्र्यवहार का समय पर पता नहीं चलता है। समाजशास्त्रियों की नजर में वात्सल्य भाव से मां का छूना एवं मन में विकार रख छूने में दोनों में बहुत अंतर होता है। कई बार बेटियां बोलकर इस बारे में नहीं बता पाती है तो उसकी मनोदशा से अनुमान लगाना होता है।
...........
मासूम बच्चों से ये जरूर पूछे
- बाल वाहिनी में बस चालक ने कुछ कहा तो नहीं या उसका व्यवहार कैसा है।
- शिक्षक या शिक्षिका का उसके प्रति व्यवहार कैसा है। स्कूल में कोई समस्या तो नहीं है।
- आज कुछ अजीब या गलत तो फील नहीं हुआ। स्कूल में टॉयलेट जाने पर वहां स्वीपर तो नहीं होता है।
- तुम्हे कोई धमकी तो नहीं देता है, ऐसा कुछ हाो तो बेखौफ बताओं।
.......................
ये दे बच्चों को सीख
- अगर तुम सहीं हो तो कहीं भी किसी से मत डरना। मुझे तुम पर विश्वास है इसलिए जो भी बात हो सही बताओ।
- कोई बड़ा, घर हो या बाहर, कुछ गलत करने की कह तो उसकी बात कभी मत मानना।
- वो अकेले नहीं है, कोई है जो घर पर उनका इंतजार करता है। स्कूल कभी तुम से बढ़कर नहीं है, सबसे पहले तुम हो।
.............
सर्वसमाज महिला संगठन चलाएगा जनजागरण अभियान
सर्वसमाज महिला संगठन की कोर कमेटी की बैठक बापूनगर में हुई। कार्यक्रम संयोजक रश्मि सक्सेना ने बताया कि बैठक में बेटियों से दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए महिलाएं इनको रोकने के लिए क्या योगदान कर सकती इस पर चर्चा की गई। बैैठक में तय किया गया कि जन जागरण अभियान के तहत पद्मनी पार्क से कलक्ट्रेट तक मौन रैली के साथ कलक्ट्रेट पर बेटी बचाओ संदेश के साथनुक्कड़ नाटक का मंचन किया जाएगा। पाांच-पांच महिलाओं की टीम बनाकर स्कूलों में बच्चियों को गुड टच-बेड टच आदि के बारे में जानकारी देकर बालिकाओं को सजग किया जाएगा। अभिभावकों आदि की बेठक लेकर उनको भी बच्चियों की सुरक्षा के बारे में टिप्स दिए जाएंगे। बैठक में संगठन की कोर कमेटी सदस्य शशि सनाढ्य, सरस्वती शर्मा, उषा रांदड़, मीनु कंवर सोलंकी, जया तोषनीवाल, राजकंवर चौहान, लीला आगाल, सरिता चेचाणी, सीमा काबरा, रेखा शक्तावत, सुशीला चुण्डावत, श्वेता सोमानी, सरिता चौहान, जयश्री कुदाल, अलका जैन, निर्मला राठौड़, उमा सुराणा, दिलखुश खैरोदिया आदि शामिल हुई।

बालिकाओं की समझाईश का काम
बच्चियों को गुड टच बैड टच के बारे में समझाने का काम किया जा रहा है। बच्चियों को स्कूलों में जाकर समझाने का प्रयास भी कर रहे है। बच्चियां हो या कॉलेज गल्र्स सभी को इस तरह के खतरे के प्रति सजग एवं जागरूक रहना होगा।
डॉ. सुशीला लढ़ा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति,चित्तौडग़ढ़