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सांवरा के खजाने से लिख रहे विकास की इबारत

चित्तौडगढ़़. जहां एक और पूरे जिले में सरकार की ओर से विकास हो रहा है वहीं जिले के १६ गांव ऐसे है जहां पर विकास की इबारत चित्तौडग़ढ़ के मण्डफिया स्थित सांवलिया मंदिर मंडल के कोष से लिखी जा रही है। इस गांवों में चिकित्सा सुविधा हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात हो या फिर सड़क निर्माण का मामला हो यहां पर पिछले छह दशक से विकास की कहानी मंदिर मंडल की ओर से लिखी जा रही है ऐसे में विकास के लिए यहां पर सांवरा की सरकार चलती है।

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सांवरा के खजाने से लिख रहे विकास की इबारत

सांवरा के खजाने से लिख रहे विकास की इबारत

चित्तौडगढ़़. जहां एक और पूरे जिले में सरकार की ओर से विकास हो रहा है वहीं जिले के १६ गांव ऐसे है जहां पर विकास की इबारत चित्तौडग़ढ़ के मण्डफिया स्थित सांवलिया मंदिर मंडल के कोष से लिखी जा रही है। इस गांवों में चिकित्सा सुविधा हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात हो या फिर सड़क निर्माण का मामला हो यहां पर पिछले छह दशक से विकास की कहानी मंदिर मंडल की ओर से लिखी जा रही है ऐसे में विकास के लिए यहां पर सांवरा की सरकार चलती है।
इन गांवों के विकास में सांवरा का ही खजाना ग्रामीणों के उत्थान में भागीदार बनता है। विाकस के लिए सालाना करोड़ों रुपए सांवलिया सेठ के खजाने से खर्च होते है।

छह दशक से विकास का उठा रहे बीड़ा
यह एक दो साल की बात नहीं। मण्डफिया समेत 16 गांवों में छह दशक से सांवलिया मंदिर मंडल ने ही विकास का बीड़ा उठाए हुए है। इन गांवों में सरकारी स्कूल, चिकित्सालय समेत अन्य भवनों की मरम्मत, उनकी देखरेख, सड़क निर्माण, पेयजल सुविधा, मंदिरों और सामुदायिक भवनों का जीर्णोंद्वार, जरूरतमंदों की मदद समेत अन्य काम सांवलिया मंदिर मंडल के खजाने से ही होता है।
यह गांव होता है विकास
सांवलियाजी के मंदिर के अधीन 16 गांव आते है। इनमें मण्डफिया स्थित सांवलिया मंदिर, भूतखेड़ा, घोड़ा खेड़ा, गीदा खेड़ा, भाटोली गुजरान, करोली, रदई खेड़ा, बलिया खेड़ा, रूपाजी का खेड़ा, मोड़ाजी का खेड़ा, सेगवा, कुरेठा, अमरपुरा, चरलिया, नाड़ा खेड़ा तथा टांडी खेड़ा आदि गांव शामिल है।

सैकड़ों लोगों को मिल रहा है रोजगार
मंदिर मंडल के अधिकारियों के अनुसार मंदिर मंडल में करीब साढ़े चार सौ कर्मचारी काम करते है जिनके वेतन पर प्रति माह लगभग एक करोड़ रुपए खर्च होते है। यहां काम करने वाले में अधिकतर कर्मचारी इन्हीं गांवों से जुड़े हुए है।

सड़क, नालियों से लेकर शिक्षा व चिकित्सा पर होता खर्च
सांवलियाजी मंदिर द्वारा अधिकांश बजट इन गांवों में सीसी रोड, नाली, मंदिरों का निर्माण, पेयजल व्यवस्था से लेकर सामुदायिक भवन, शिक्षा और चिकित्सा पर किया जाता है। साथ ही इन ग्रामीणों द्वारा अन्य विकास कार्यों की मांग की जाती है तो उन्हें भी पूरा किया जाता है।

कभी इन्हीं गांवों के सदस्य चुनते थे अध्यक्ष
मंदिर मंडल अध्यक्ष कन्हैया दास वैष्णव ने बताया कि वर्ष 1958 में इन 16 गांवों की एक ही मंडफिया पंचायत होती थी। इन सभी गांवों में से मंडफिया से 38 सदस्य और शेष गांवों से 27 सदस्यों को चुना जाता है जो कुल 65 सदस्य होते थे। ये सभी सदस्य मिलकर 16 सदस्य कार्यकारिणी का चयन करते थे। लेकिन बाद में मंदिर मंडल कार्यकारिणी की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाने लगी। इन गांवों के अलावा अन्य गांवों में विकास भी कराया जाता है लेकिन उसके लिए पहले सरकार से स्वीकृति लेनी होती है।


चार साल में कब कितना हुआ सालाना खर्चा
मंदिर मंडल के अधीन आने वाले गांवों में हर वर्ष करोडा़े रूपए खर्च किए जाते है। जानकारी के अनुसर वर्ष 2018-19 में 2869.97 लाख, 2019-20 में 2669.65 लाख, 2020-21 में 1514.15 लाख, इस वर्ष अनुमानित 5700 लाख रुपए खर्च करने का अनुमान है।


ग्रामीणों का कहना
हमारे गांव में सड़क, नाली का निर्माण सहित अन्य विकास कार्य भी भगवान सांवलियाजी के मंदिर की ओर से द्वारा कराया जाता है। भागवत कथा, प्रसाद की व्यवस्था भी मंदिर मंडल की ओर से की जाती है।
- नारायण लाल गुर्जर पूर्व सरपंच भाटोली

हमारे गांव में पिछले कई वर्षों से मंदिर द्वारा विकास कराया जा रहा है। हाल ही में स्कूल में कमरें निर्माण में भी करीब 30 लाख रूपए दिए। सीसी रोड बनायाए मंदिर निर्माण में सहयोग किया जा रहा है।
गोठीलाल, ग्रामीण नाड़ा खेड़ा


फैक्ट फाइल
मंदिर मंडल के अधीन 16 गांव
कर्मचारी करीब 450
2018-19 में व्यय 2869.97 लाख
2019-20 में व्यय 2669.65 लाख
2020-21 में व्यय 1514.15 लाख
इस वर्ष अनुमानित व्यय 5700 लाख

इनका कहना है...
मंदिर की ओर से जो भी 16 गांवों में विकास कार्य होते है वो ग्रामीणों की मांग पर होते है। 1958 में मंदिर का रजिस्ट्रशन हुआ था उस समय 16 गांव की एक पंचायत थी मंडफिया तभी से इन गांवों में विकास कार्य कराया जा रहा है। इन गांवों में विकास के लिए किसी पार्टी विशेष का कोई लेना देना नहीं है। इन गांवों में सड़क, नाली, स्कूलों में कमरें, मंदिरों का निर्माण सहित कई कार्य किए जाते है।
कन्हैया दास वैष्णव, अध्यक्ष मंदिर मंडल सांवलियाजी

इन पर विशेष फोकस रहता है
मंदिर मंडल की ओर से वैसे तो सभी जगह विकास के लिए राशि दी जाती है लेकिन १६ गांवों पर विशेष फोकस रहता है। यहां पर सड़क, स्कूल के कमरे या अन्य विकास की दरकार होती है तो उसे प्राथमिकता से कराया जाता है।
रतन कुमार स्वामी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सांवलियाजी मंदिर मंडल मण्डफिया चित्तौडग़ढ़


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