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राजस्थान में एक और बैग खरीद घोटाला! कागजों पर दिखाई सप्लाई, करोड़ों का किया गबन; जानें पूरा मामला

Rajasthan News: चुरू जिले की राजगढ़ नगर पालिका में भ्रष्टाचार की एक और बड़ी परत खुलते हुए नॉनवूवन व कैनवास बैग खरीद में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है।

चूरू

Nirmal Pareek

Jul 05, 2025

Bag purchase scam in Churu
पत्रिका प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan News: चुरू जिले की राजगढ़ नगर पालिका में भ्रष्टाचार की एक और बड़ी परत खुलते हुए नॉनवूवन व कैनवास बैग खरीद में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस मामले में पूर्व पार्षद प्रमोद पूनिया ने तत्कालीन ईओ प्रियंका बुडानिया समेत वरिष्ठ सहायक राजेश गुर्जर और निर्माण शाखा से जुड़े कर्मचारियों पर संगठित रूप से मिलकर 35 लाख 32 हजार 500 रुपये के गबन का आरोप लगाया है।

पूर्व पार्षद ने मामले को लेकर मुयमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री, उपखण्ड अधिकारी और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को भी लिखित शिकायत सौंपी है। पूनिया का आरोप है कि राजनीतिक मिलीभगत और षड्यंत्र के तहत बिना किसी सार्वजनिक सूचना के 97 से 99 हजार रुपए के 36 फर्जी बिल स्वीकृत कर चार फर्मों-राजस्थान ट्रेडर्स, रॉयल सप्लाई, आदित्य कंपनी और गणपति एंटरप्राइजेज-को बैग आपूर्ति के नाम पर भुगतान कर दिया गया, जबकि नगर पालिका में बैग की आपूर्ति हुई ही नहीं।

एसडीएम को सौंपा परिवाद

प्रमोद पूनिया ने एसडीएम को परिवाद सौंपते हुए आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष रजिया, ईओ प्रियंका बुडानिया और अन्य अधिकारियों ने मिलकर सरकारी कोष से राशि निकालने के लिए संविदा और वैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रखा। शिकायत के अनुसार, 11 बिलों के माध्यम से फर्म राजस्थान ट्रेडर्स को 10.72 लाख रुपये, 10 बिलों के जरिए रॉयल सप्लाई को 9.75 लाख रुपये, 10 बिलों से आदित्य कंपनी को 9.9 लाख रुपये व 5 बिलों द्वारा गणपति एंटरप्राइजेज को 4.95 लाख रुपये का भुगतान किया गया।

ईओ ने शिकायत को रंजिशन बताया

मामले में पूर्व ईओ प्रियंका बुडानिया का कहना है कि शिकायत राजनीति से प्रेरित और रंजिशवश की गई है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के पांच पट्टे निरस्त किए गए थे, इसी कारण बदले की भावना से यह आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने जांच को एकतरफा और अधूरी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

‘जांच के बाद होगी कार्रवाई’

नगर पालिका सादुलपुर के अधिशासी अधिकारी राकेश अरोड़ा ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है। जांच के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने नगर पालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो यह भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण होगा, जहां न सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी दरकिनार किया गया।

न चुनाव आयोग की अनुमति, न पार्षदों की जानकारी

शिकायत में कहा गया कि इन बैग्स के वितरण को लेकर न तो किसी पार्षद को सूचना दी गई और न ही सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई। सबसे गंभीर बात यह है कि 3 नवबर 2023 को विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी थी, फिर भी बिना निर्वाचन विभाग की अनुमति के इस खरीद को अंजाम दिया गया। यह राशि पालिका की कैशबुक में दिनांक 7.4.2023 से 29.1.2024 तक के पृष्ठों में दर्ज है।