
प्रयास संस्थान की ओर से सूचना केंद्र में रविवार शाम घांघू के कुमार अजय के राजस्थानी कविता संग्रह ''ऊभौ हूं अजैÓ और पहाड़सर के उम्मेद गोठवाल के राजस्थानी कविता संग्रह 'पेपलौ चमारÓ का लोकार्पण किया गया।
मुख्य अतिथि राजस्थानी के लेखक पद्मश्री डा. चंद्रप्रकाश देवल ने दोनों ही पुस्तकों को राजस्थानी साहित्य के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दोनों रचनाकारों के संवेदना की उपज है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक न्याय से भी अधिक महत्वपूर्ण सामाजिक न्याय है और दोनों ही कृतियां इस सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़ी नजर आती है।
विशिष्ट अतिथि मालचंद तिवाड़ी ने कहा कि कविता की पहली कसौटी उसका कविता होना है तथा दोनों ही कृतियां इस कसौटी पर खरी उतरती हैैं। साहित्यकार डा. भरत ओला ने कहा कि इन कविताओं में व्यक्तिगत होने का संदेह उत्पन्न होता है लेकिन इनकी चिंताएं सार्वजनिक हैं।
अध्यक्षता कर रहे कोलकाता प्रवासी रामअवतार पोद्दार ने कहा कि आज भी प्रवासी अपने घरों में राजस्थानी बोलते हैं और मातृभाषा के साहित्य की समृद्धि के लिए प्रयास संस्थान सही कार्य कर रहा है। प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने अतिथियों का स्वागत किया।
समारोह में राम अवतार पोद्दार व चित्राकार रामकिशन अडिग का अभिनंदन किया गया। मोहन सोनी चक्र ने 'ऊभौ हूं अजैÓ व देवकरण जोशी ने 'पेपलौ चमारÓ पर समीक्षात्मक टिप्पणी की। वरिष्ठ साहित्यकार भंवरसिंह सामौर ने आभार जताया। इस मौके पर फतेहचंद सोती, डा. जमील चौहान, भाजयुमो जिलाध्यक्ष अभिषेक चोटिया, इमरान खोखर, हेमंत सिहाग, विकास मील, उप सरपंच लखेंद्र सिंह, राजेंद्र मुसाफिर आदि मौजूद थे।
Published on:
06 Mar 2017 02:10 pm
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