
जमील अहमद खान
Rajasthan Samachar : चूरू. साइबर ठग इंसान की सबसे बड़ी कमजोरियों में एक लालच का फायदा उठाकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। ऐसे ठग ज्यादा पढ़े.लिखे नहीं होते हैंए लेकिन ये अपने लालच का फंदा डालकर आईएएस तक को ठग लेते हैं। जब पुलिस उन्हें पकड़ती है तो आमतौर पर ठग 10वीं या 12वीं पास ही होते हैं। पुलिस के अनुसार ठग अच्छे रिटर्न का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनके साथ ठगी करते हैं। जो लोग ऐसे झांसे में नहीं आते हैंए तो उन्हें वे कस्टम विभाग या पुलिस थाने से बोल रहे हैं और उनके नाम से अवैध सामान बाहर भेजा जा रहा है। ऐसे बोलकर ठग लेते हैं। जब पत्रिका ने पड़ताल की तो चूरू में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें ठगों ने डॉक्टर, सॉफ्टवेर इंजीनियर और शिक्षक को अपना शिकार बनाया।
केस 1
मई में साइबर ठगों ने एक सरकारी डॉक्टर को ही चूना लगा दिया। ठगों ने डॉक्टर को फोन कर निवेश करने और उच्च रिटर्न का वादा कर डॉक्टर को अपने झांसे में लिया। ठगों ने डॉक्टर से शुरूआत में छोटी रकम निवेश करने के लिए कहा। निवेश करने के बाद ठगों ने डॉक्टर को पैसे भी भेज दिए। विश्वास होने के बाद डॉक्टर ने निवेश करना शुरू कर दिया। डाक्टर ने ठगों की बात में आकर 1.02 2 करोड़ रुपए अलग.अलग किश्तों में निवेश कर दिए। डॉक्टर ने रकम निकालने की बात की तो ठगों ने कहा कि इतनी बढ़ी रकम निकालने के लिए 1.16 करोड़ और निवेश करने होंगे। इसके बाद डॉक्टर को अपने साथ ठगी होने का पता चला जिसके बाद 19 मई को साइबर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। हालांकि, पुलिस करीब 8 लाख रुपए वापस लाने में सफल रही। डॉक्टर के साथ करीब 94 लाख रुपए की ठगी हुई।
केस 2
इसी तरह ठगों ने एक महिला सॉफ्टवेय इंजीनियर के साथ पैसे डबल करने के नाम पर फ्राड किया। ठगों की बात में आकर साफ्टवेयर इंजीनियर ने करीब 16.5 लाख रुपए निवेश कर दिए। जब इंजीनियर ने पैसे निकालने की बात की तो ठगों ने और निवेश करने पर जोर दिया। हालांकिए इंजीनियर को एहसास हो गया था कि उसके साथ ठगी हुई है और उसने तुरंत साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई और पुलिस ने तवरित कारवाई करते हुए उनकी पूरी रकम बैंक से कहकर होल्ड करवा ली।
केस 3
इस मामले में सरकारी टीचर के साथ 57 लाख रुपए की ठगी की। शिक्षक के साथ जनवरी में यह ठगी हुई, लेकिन मामला 16 अगस्त को दर्ज हुआ है। शिक्षक ने बताया कि उसे विदेश से एक महिला ने फोन कर बताया कि वह कैंसर के लिए दवा बनाने वाली कंपनी के साथ काम करती है। दवा बनाने के लिए कोला बीजों की जरूरत पड़ती है। ये बीज अरुणाचल में उगते हैं। खुद मंगवाने की बात कहने पर महिला ने कहा कि स्थानीय लोगों को 200 ग्राम बीज एक हजार अमरीकी डालर में मिल जाएंगे, जबकि बाहर वालों को 3 हजार डालर के पड़ेंगे। महिला ने उसे एक व्यक्ति का नंबर दिया। परिवादी ने दिए नंबर पर कॉल कर शुरुआत में 500 डॉलर खर्च कर बीज मंगवाए। विश्वास होने पर उसने एक हजार डालर और खर्च कर 200 ग्राम बीच मंगवा लिए। महिला से संपर्क किया तो उसने कहा कि 3000 डालर के और बीज मंगवाओ, तब वह इन बीजों को मंगवाएगी। इसके बाद परिवादी को अपने साथ हुई ठगी का पता चला।
किसी को नहीं दें बैंक खाता नंबर
लोगों के साथ हो रही ठगी के बीच पुलिस ने भी लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है। साथ हीए पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी को अपना बैंक खाता नंबर बिना जांच किए नहीं दें और न ही किसी और के कहने पर उनके लिए बैंक में खाता खुलवाएं। ठक इन खातों का इस्तेमाल ठगी की राशि जमा करवाने के लिए कर सकते हैं। अगर पुलिस ऐसे ठगों के खिलाफ कारवाई करती है तो खाता जिनके नाम पर होगा, उन्हें भी अभियुक्त माना जाएगा।
एक्सपर्ट व्यू
'साइबर ठगी से बचने के लिए हमें लालच को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है। लालच के कारण ही लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। अगर कोई ठग ज्यादा पैसे कमाने के लिए आपसे पासवर्ड या ओटीपी मांग रहा है तो वह साइबर ठगी की श्रेणी में आएगा। इसिलए, पासवर्ड या ओटीपी देने से बचें। बैंक कॉल करके आपसे कभी पासवर्ड या ओटीपी नहीं मांगते।' -निखिल, साइबर एक्सपर्ट
Published on:
17 Aug 2024 08:56 pm
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