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चूरू पुलिस की सख्ती, दो वर्ष में अपराध का ग्राफ गिरा, दुष्कर्म के मामलों में भी आई कमी

यह कोई संयोग नहीं, बल्कि चूरू पुलिस की रणनीतिक और तकनीकी रूप से दक्ष कार्यशैली का परिणाम है। एसपी जय यादव ने बताया कि अपराधों में गिरावट के पीछे हिस्ट्रीशीटरों की धरपकड़ और सतत निगरानी, संवेदनशील इलाकों में सघन पेट्रोलिंग और एरिया डोमिनेंस ऑपरेशन, थानों में जवाबदेही और साप्ताहिक समीक्षा, तकनीकी उपकरणों जैसे सीसीटीवी, मोबाइल सर्विलांस, ट्रेसिंग यूनिट्स, समुदाय आधारित पुलिसिंग, जनता के साथ संवाद, विश्वास और सहयोग का अधिकतम उपयोग अपराधों में गिरावट के मुख्य कारण रहे।

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police custody Death

प्रतीकात्मक तस्वीर-एआई

जमील अहमद खान

चूरू. पिछले दो वर्षों में अपराध का ग्राफ गिरा है। वर्ष 2023 से 2025 के बीच 1 जनवरी से 31 जुलाई तक की तुलनात्मक अपराध रिपोर्ट के अनुसार, चूरू में अपराधों में लगातार कमी आई है। दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मामलों में वर्ष 2023 में जहां 80 प्रकरण दर्ज हुए थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 59 हो गई। चोरी और नकबजनी जैसे मामलों में भी पुलिस की मेहनत रंग लाई है। पुलिस की सक्रियता का प्रमाण है कि 2025 में कुल 2.8 करोड़ रुपए की चुराई गई संपत्ति में से 1.34 करोड़ की वसूली कर ली गई ,जो करीब 48.08 फीसदी है। चालान पेश करने और न्यायालय में अपराधियों के खिलाफ मामलों की पैरवी को प्राथमिकता दी गई है।

ऐसे बदल रही तस्वीर

यह कोई संयोग नहीं, बल्कि चूरू पुलिस की रणनीतिक और तकनीकी रूप से दक्ष कार्यशैली का परिणाम है। एसपी जय यादव ने बताया कि अपराधों में गिरावट के पीछे हिस्ट्रीशीटरों की धरपकड़ और सतत निगरानी, संवेदनशील इलाकों में सघन पेट्रोलिंग और एरिया डोमिनेंस ऑपरेशन, थानों में जवाबदेही और साप्ताहिक समीक्षा, तकनीकी उपकरणों जैसे सीसीटीवी, मोबाइल सर्विलांस, ट्रेसिंग यूनिट्स, समुदाय आधारित पुलिसिंग, जनता के साथ संवाद, विश्वास और सहयोग का अधिकतम उपयोग अपराधों में गिरावट के मुख्य कारण रहे।

आमजन में बन रहा विश्वास का माहौल

लगातार गिरते अपराध ग्राफ और बढ़ती पुलिस कार्यशैली ने आमजन में विश्वास का माहौल बनाया है। लोग अब अधिक खुलकर पुलिस की सहायता ले रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में चूरू जिले की यह अपराध नियंत्रण नीति न केवल राजस्थान, बल्कि देशभर के जिलों के लिए एक रोल मॉडल बन सकती है।