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कलक्टर बोले: लॉकडाउन से नहीं अब चालान कटने से दूर होगा कोरोना

व्यापारियों ने चूरू में सामुदायिक संक्रमण के प्रभाव से बचने के लिए एक पहल करते हुए कलक्टर के समक्ष लॉकडाउन लगाने का प्रस्ताव रखा। इसे कलक्टर ने मानने से मना कर दिया।

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कलक्टर बोले: लॉकडाउन से नहीं अब चालान कटने से दूर होगा कोरोना

कलक्टर बोले: लॉकडाउन से नहीं अब चालान कटने से दूर होगा कोरोना

चूरू. व्यापारियों ने चूरू में सामुदायिक संक्रमण के प्रभाव से बचने के लिए एक पहल करते हुए कलक्टर के समक्ष लॉकडाउन लगाने का प्रस्ताव रखा। इसे कलक्टर ने मानने से मना कर दिया। हुआ यूं कि जिले में कोरोना संक्रमण का प्रभाव तेजी से बढऩे पर इसकी रोकथाम को लेकर व्यापारियों ने आपस में चर्चा कर लॉक डाउन लगाने की बात कही। इसको लेकर जिला कलक्टर प्रदीप के. गावंडे ने व्यापारियों की बैठक में विचार-विमर्श किया। कुछ व्यापारियों ने फिर से लॉक डाउन लगाने की मांग उठाई की। इस पर कलक्टर ने गाइड लाइन का हवाला देते हुए उनकी बात को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना रोकने के लिए लॉकडाउन हल नहीं है। अब पुलिस प्रशासन सख्ती करेगा। यदि कोई व्यापारी, आम व्यक्ति बिना मास्क के पाया जाता है तो उसका पांच सौ रुपए का चालान काटा जाएगा। इससे संक्रमण रोकने में काफी मदद मिलेगी। चालान काटने के लिए कलक्टर ने पुलिस अधीक्षक परिश देशमुख को निर्देश भी दिए। बैठक में विमल सारस्वत, सुनील भाऊवाला, अमर मोरानी, गिरीश भावनानी, सुरेश बजाज, अमजद तुगलक, रामरतन बजाज, विष्णु सोनी, लक्ष्मणराव, हरीश बजाज, आसिफ टिपू, वीरेन्द्र सोनी आदि मौजूद रहे।
मास्क लगाना अनिवार्य
व्यापारियों के साथ बैठक मेें कलक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने में मास्क कारगर साबित होगा। यह लगाना भी अनिवार्य होगा। व्यापारियों ने कलक्टर को सुझाव दिया कि मास्क नहीं पहनने पर चालान काटने की बजाय लोगों को मास्क दिए जाएं। इसके लिए वे कपड़ा देने को तैयार हैं लेकिन पुलिस अधीक्षक ने इसे नकार दिया। उन्होंने कहा कि मास्क बांटना पुलिस का काम नहीं है। जनता की सुरक्षा के लिए सख्ती बरतनी जरूरी है। यदि कोई मास्क का काम करता है तो उसमें सहयोग कर सकते हैं।
राठौड़ बोले - रेंडम सैंपलिंग है बंद
इस मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि जिला प्रशासन की संवेदनहीनता के चलते चूरू सामुदायिक संक्रमण की ओर बढ़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य महकमे के भी बुरे हाल हैं। रैंडम सैंपलिंग बंद कर दी गई। टेस्टिंग की संख्या बंद है। कोरोना की रिपोर्ट भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कलक्टर से बात की है। उन्हेें कोरोना के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए भी निर्देशित किया है। राठौड़ ने कहा कि जिला प्रशासन होम क्वॉरंटीन लोगों को भी नोटिफाई नहीं कर रहा है। ना ही उनके घरों के आगे कोई पर्ची चिपकाई जा रही है। प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।