चूरू. बीस सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डा.चन्द्रभान ने बीस सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा में केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेने से नहीं चूके। उन्होंने योजनाओं की समीक्षा के दौरान बार-बार केन्द्र सरकार का नाम लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रम भी भारत सरकार का है, लेकिन इनको इस कार्यक्रम की सुध ही नहीं है। जबकि राजस्थान सरकार इसको लेकर हरबार रैङ्क्षकग करवाई जाती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केन्द्र इसको लेकर कितना गंभीर है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विपक्ष में नकारात्मक भाव ज्यादा हैं। वे केवल योजनाओं का दुष्प्रचार करने में जुटे हैं। जो कि सही नहीं है। डा.चन्द्रभान ने योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि यदि वे योजना का प्रचार नहीं कर सकते तो उन्हें इनकी बुराई भी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में आज भी करीब 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे का जीवन यापन कर रहे हैं। पीएम ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इसका जिक्र किया। लेकिन जिक्र करने से क्या होगा। इसका समाधान भारत सरकार को ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 70 साल में देश और प्रदेशों में जो भी विकास हुआ। वह वहां की सरकारों का योगदान है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद अमीर औ गरीब के बीच खाई बढ़ी है। इस खाई को पाटने की दिशा में भारत सरकार को काम करना चाहिए, लेकिन हो कुछ और रहा है। डा.चन्द्रभान ने कहा कि कुपोषण के मामले में राजस्थान की स्थिति अच्छी नहीं है। एनीमिया के मामले में भी ऐसे ही हालत प्रदेश की है। इसलिए विभाग को इस पर गंभीरता से काम करना चाहिए। बैठक में जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग, सीएमएचओ डा. मनोज शर्मा, कांग्रेस नेता रमेशचन्द्र इंदौरिया, इन्द्राज खीचड़, नरेश गोदारा, सुरेन्द्र हुडडा, रामनिवास सहारण, शेरखान मलखाण और अबरार खां सहित अनेक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
चूरू में श्रमिक कम क्यों आते
बीसूका उपाध्यक्ष ने मनरेगा की प्रगति पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि आंकडों के हिसाब से चूरू में श्रमिक कम आ रहे हैं।विभाग को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।सीईओ पीरआर मीणा को श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने के आदेश दिए।
नाम का अभियान है शुद्ध के लिए युद्ध, बदल देना चाहिए नाम
बीसूका की बैठक में योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान पर ङ्क्षचता जताई। उन्होंने कहा कि केवल कार्रवाई दिखाने से कुछ नहीं होने वाला है। इसके परिणाम आने चाहिए। आज तक मिलावट के मामले में किसी को सजा तक नहीं हुई है। इसलिए इसका नाम बदल देना चाहिए।
स्थानीय जलस्रोत हैं फिर भी जारी कर दिए टैण्डर
इस मौके पर कांग्रेस नेता रमेशचन्द्र इंदौरिया ने जलदाय विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय जलस्रोत उपलब्ध हैं, लेकिन इसके बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। जबकि विभाग पानी के टैंकरों के टण्डर निकाल रहा है। उन्होंने इस व्यवस्था में बदलाव की मांग की और पानी उपलब्ध कराने को कहा। बीसूका उपाध्यक्ष ने विभाग के एसई को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। इंदौरिया ने बिजली निगम का भी मामला उठाया। इस दौरान इन्द्राज खीचड़ ने गांवों में तोड़ी गई सड़कों, नरेश गोदारा लाछड़सर में पानी की समस्याएं उठाई।
पानी की समस्या का करें समाधान
पानी की समस्या को लेकर टैंकर भेजे जाने के मामले को बीसूका उपाध्यक्ष ने गंभीरता से लिया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि ज्यादा पानी के टैंकर भेजने से भ्रष्टाचार होता है। इसलिए विभाग जरूरत वाले स्थानों पर ही टैंकर की व्यवस्था करवाएं।