25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां हर पल सता रहा मौत का डर, इसलिए नहीं डाले वोट

सादुलपुर विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने वाले विधानसभा क्षेत्र के गांव किरताण का दर्द गहरा है। गांव के बीच में रेल की पटरियां होने से ग्रामीणों को खेतों में आने-जाने के दौरान हर समय मौत का भय सताता है। गांव के चार लोगाें की रेल हादसे में मौत होने के बाद भी किसी ने भी उनकी पीड़ा को नहीं समझा। ऐसे में अब ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे लोकसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार करेंगे।

3 min read
Google source verification
churu_polling_news.jpg

चूरू. जिले के सादुलपुर विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने वाले विधानसभा क्षेत्र के गांव किरताण का दर्द गहरा है। गांव के बीच में रेल की पटरियां होने से ग्रामीणों को खेतों में आने-जाने के दौरान हर समय मौत का भय सताता है। गांव के चार लोगाें की रेल हादसे में मौत होने के बाद भी किसी ने भी उनकी पीड़ा को नहीं समझा। ऐसे में अब ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे लोकसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार करेंगे। वहीं दिन भर प्रशासन के अधिकारी गामीणों को वोट डालने के लिए समझाते रहे, लेकिन गांव का बूथ एकदम सूना रहा। किसी ने भी बूथ में प्रवेश तक नहीं किया।

लोगों को खेतों में आने-जाने में समस्या

गांव के वेद सिंह वेद सिंह ,संजय सिंह, गोकल सिंह, विनोद कुमार मेघवाल, सुरेश मीणा, सत्यवीर सिंह ,महेंद्र सिंह, रणवीर सिंह, सोमवीर, संजय कुमार, सुरेश मेघवाल ,गिरवर सिंह ,हरि सिंह, इंद्रभान शर्मा ,राजपाल सिंह ,राजपाल मीना, ईश्वर सिंह ,किशन सिंह व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि जब से गांव में रेल पटरी डाली गई, तब से ही उनके खेतों का गांव और पटरियों के बीच बटवारा हो गया। हालांकि उस समय कोई ज्यादा बड़ी समस्या नहीं थी। अब रेल सेवाओं का विस्तार हो गया। गांव के लोगो को खेतों में आवागमन में समस्या आने लगी है। गांव के लोगों को हर समय मौत का डर सताता है। अनेकों बार जनप्रतिनधियों और रेल प्रसाशन तथा जिला प्रशासन को समस्या से अवगत करवाया। धरना-प्रदर्शन करने के बाद भी कोई सुनवाई नही हो रही है। परेशान होकर मांग के समर्थन में मतदान के बहिष्कार का निर्णय किया गया है।

1274 वोट है गांव में कुल

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कुल 1275 वोट है, लेकिन किसी भी मतदाता ने वोट नही डाला। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के किसी व्यक्ति पर वोट नही डालने का दबाव भी नही बनाया गया, बल्कि मांग के समर्थन में स्वेच्छा से ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है।

कलक्टर ने वीसी के जरिए की ग्रामीणों से बात

तहसीलदार इमरान खान ने बताया कि मतदान बहिष्कार की सूचना पर गांव में पहुंचे तथा ग्रामीणों को मतदान करने के लिए समझाया गया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। जिस पर जिला कलेक्टर को अवगत करवाया गया तथा विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीणों की वार्ता करवाई गई, लेकिन ग्रामीण फिर भी अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके अलावा उपखंड अधिकारी तथा पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंचे लेकिन कोई सफलता नही मिली। हाल यह रहा कि मतदान केंद्र खाली रहा कोई एजेंट तक नही बैठा।

ट्रेन की चपेट में आने से चार की हो चुकी मौत

ग्रामीणों ने बताया कि अंडर ब्रिज के अभाव में 8 नवम्बर 2011 को गांव में बड़ा हादसा हुआ था। गांव में चार लोगों की मौत हो गई थी। गांव के ही रामचंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि गांव की ही जीप में सवार पवन शर्मा. बिशन शर्मा जगदीश तथा संदीप खाद बीज लेकर रेलवे ट्रैक को पार कर रहे थे तभी अचानक ट्रेन आ गई। ट्रेन की टक्कर से जीप के परखचे उड़ गए थे। गांव के चार व्यक्तियों की मौत हो गई थी। उस वक्त जनप्रतिनिधियों, प्रशासन एवं रेल विभाग के अधिकारियों ने अंडर ब्रिज निर्माण शीघ्र करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं हुई है।

लोकसभा चुनाव में भी करेंगे बाहिष्कार

गांव किरताण में वर्षों पुरानी अंडर ब्रिज निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। प्रशासन के अधिकारी दिनभर ग्रामीणों को मनाते रहे, लेकिन ग्रामीणों ने यहां एक भी वोट नहीं डाला। मतदान केन्द्र खाली रहा, यहां पर कोई एजेंट भी नहीं बैठा। साथ ही कहा कि अंडर ब्रिज निर्माण की उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार किया जाएगा। तहसील मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बीकानेर दिल्ली रेलवे लाइन पर हरियाणा सीमा पर स्थित गुगलवा ग्राम पंचायत के गांव किरतांण में मतदान का बहिष्कार रहा, जबकि पंचायत के गांव बालाण बास, भरीण्ड, चनानी ढाणी, धानका की ढाणी में मतदान हुआ।