
jai shreenath hospital
शहर में टाउन हाल के पास स्थित जय श्रीनाथ हॉस्पिटल से रैफर (लामा) मरीज बजरंग तारक की मौत मामले की जांच रिपोर्ट पर अस्पताल प्रबंधन ने सवाल उठाए हैं। प्रबंधन का कहना है कि जिस भवन में अस्पताल चल रहा है उसका पहले से ही कनवर्जन है। हालांकि कागजात दिखाने की बात पर उन्होंने कहा कि मकान मालिक के पास है। इसी प्रकार हार्डडिस्क क्षतिग्रस्त करने के मामले में कहा कि कम्यूटर से हार्डडिस्क को प्रशासन के कर्मचारियों ने ही निकाला था। उनकी तरफ से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। यह जानकारी अस्पताल के निदेशक डा. शशीकांत ने शनिवार को प्रेसवार्ता में मीडिया को दी।
जिंदल हॉस्पिटल ने नहीं की पुष्टि
इसी प्रकार प्रबंधन का कहना है कि बजरंग की मौत को लेकर परिजनों ने मीडिया व प्रशासन को गुमराह किया है। उसकी मौत हिसार के जिंदल अस्पताल से रेफर होने के बाद हुई है ना कि हिसार पहुंचने से पहले। ङ्क्षजदल अस्पताल में परिजनों ने बजरंग को दिखाया है और वहां करीब पौने घंटे तक वही भर्ती था। हालांकि, मीडिया को जो कागजाद दिए गए हैं उसमें नाम, उम्र, मेल/फीमेल व मोबाइल नंबर सहित कई जगह काट-छांट की गई। वहीं जिंदल अस्पताल प्रबंधन से इसकी पूछताछ की गई तो जिंदल अस्पताल प्रबंधन ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
यह भी आरोप लगाया
निदेशक शशीकांत ने मीडिया को बताया कि बजरंग के साथ उसके ससुराल वालों ने मारपीट भी की है। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। यह भी बताया कि उसके उपचार में ससुराल वालों ने रुपए भी दिए और देखरेख भी की। परिजनों ने करीब 70 हजार रुपए दिए।
मीडिया व अधिकारियों को भ्रमित करने का प्रयास
वहीं इस संबंध में ससुराल वालों ने कहा कि बजरंग के साथ किसी प्रकार की मारपीट नहीं हुई थी। मनगढ़ंत कहानी बनाई जा रही है मीडिया व अधिकारियों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।
Published on:
30 Apr 2017 12:17 am
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