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गंगा जमुनी तहजीब देखनी हो तो यहां चले आएं

हमारे देश के अलग-अलग प्रांतों में पहनावे के साथ भाषाएं भी अलग-अलग बोली जाती है, लेकिन इसके बावजूद सभी लोग एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं।

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गंगा जमुनी तहजीब देखनी हो तो यहां चले आएं

गंगा जमुनी तहजीब देखनी हो तो यहां चले आएं

चूरू. हमारे देश के अलग-अलग प्रांतों में पहनावे के साथ भाषाएं भी अलग-अलग बोली जाती है, लेकिन इसके बावजूद सभी लोग एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं। हिन्दू पर्व व त्योंहारों पर मुस्लिम समाज के लोग शामिल होकर बधाई देते हैं व मुस्लिम समाज के पर्व पर हिन्दू समाज के लोग इकठ्ठा होते हैं। यह भाईचारा बरसों से चला आ रहा है। चूरू में भी गंगा जमुनी तहजीब को दर्शाती यहां मही पीर की दरगाह और अणमानाथ का थान है, जो कि ङ्क्षहदू-मुस्लिम एकता का परिचय दे रही है। बताया जाता है कि उर्स पर दिन में कव्वाली होती है तो रात को भजन और जागरण की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालु झूम उठते है। दिलचस्प बात तो ये है कि एक ही जगह स्थित दरगाह और थान दोनों की देखरेख एक ङ्क्षहदू करता है। ये सिलसिला काफी लंबे अरसे से चला आ रहा है और दोनो ही धर्मो में यह स्थल श्रद्धा और इबादत का प्रतीक है। पीर की मजार और बाबा के स्थान की देखरेख व इबादत व पूजा वार्ड 36 निवासी केशरदेव राठी व उनका परिवार करता है। परिवार के लोग बताते है कि मजार की स्थापना 14 दिसम्बर 2001 को की गई थी। मूलत: दिल्ली निवासी राठी ने बताया कि मही पीर बाबा दिल्ली के निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे। काफी वर्ष पहले उनके पूर्वज दिल्ली से झुंझुनूं जिले के गांव दुराना में आकर रहने लगे। वहां मही पीर की मजार स्थापित की जो आज भी मौजूद है। गांव में अणमानाथ भी रहते थे उनके परिवार की दोनों में आस्था थी। उन्होंने बताया वर्ष 2001 में चूरू में मही पीर की मजार स्थापित की गई और साथ मे बाबा का छोटा थान भी बनाया गया जहां आज दोनो ही धर्मो के लोग बड़ी आस्था से आते है।
नहरबंदी शुरू, एक-दो दिन छोड़कर होगी जल आपूर्ति
तारानगर. 24 अप्रेल से 25 मई तक प्रतावित पूर्ण नहरबंदी के दौरान तारानगर व राजगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों की जल मांग के अनुरूप एक या दो दिन छोड़कर जल वितरण किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तारानगर खंड के अधिशाषी अभियंता रामनिवास रेगर ने बताया कि नहर विभाग की ओर से 24 अप्रेल से 25 मई तक पूर्ण नहरबंदी की जा रही है। नहरबंदी के दौरान बुंगी-राजगढ़ पेयजल परियोजना के अधीन आने वाले राजगढ़ शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जल मांग के अनुरूप एक या दो दिन छोड़कर जल वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग खण्ड तारानगर के अधीन आने वाले तारानगर शहर व गांवों में भी एक या दो दिन के अंतराल से जल आपूर्ति की जाएगी। अधिशासी अभियंता रेगर ने नहरबंदी के दौरान लोगों को जल आवश्यकता अनुसार व मितव्ययता से उपयोग में लेने की अपील की है।