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आचार संहिता में फंस गया इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार

इन्दिरा गांधी जयंती ( Indira Gandhi Jayanti ) पर उनके नाम से चार साल बाद फिर शुरू किया गया इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार वितरण खटाई में पड़ गया है

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चूरू

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Brijesh Singh

Nov 18, 2019

आचार संहिता में फंस गया इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार

आचार संहिता में फंस गया इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार

सुजानगढ़. इन्दिरा गांधी जयंती ( indira gandhi jayanti ) पर उनके नाम से चार साल बाद फिर शुरू किया गया इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार वितरण खटाई में पड़ गया है क्योंकि जयन्ती के दिन निकाय चुनाव की मतगणना है। आचार संहिता के चलते पुरस्कार वितरण नहीं किया जा सकेगा। जनप्रतिनिधियों की मंशा है कि वे पुरस्कार वितरित कर सरकार की उपलब्धियों का बखान करें। ऐसे में बसन्त पंचमी पर गार्गी पुरस्कार ( gargi award ) के साथ ही यह पुरस्कार दिए जाने की संभावना है। फिलहाल शिक्षा विभाग ( Education Department ) के अधिकारियों के पास पुरस्कार वितरण को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं है। ऐेसे में कार्यक्रम की अभी तक कोई तैयारी नहीं की जा सकी है।

बदला था नाम
राज्य में सरकार बदलने के बाद फिर से इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार इन्दिरा गांधी जयंती पर देने का निर्णय किया था। पुरस्कार वितरण की तारीख और उसका नाम फिर से पूर्व की भांति करने के साथ छात्राओं को लाभान्वित करने का दायरा भी बढ़ाया था। 2015 में इसका नाम बदल पद्मश्री कर दिया था। इन्दिरा गांधी जयन्ती की बजाय जनवरी में गार्गी पुरस्कार के साथ दिया जाने लगा था। अपने वर्ग में जिले में प्रथम छात्रा को यह पुरस्कार मिलता है। यह पुरस्कार सरकार ने वर्ष 2008 -09 में शुरु किया था।

पहले इतनी मिलती थी पुरस्कार राशि

पहले बतौर पुरस्कार छात्रा को प्रशस्ति पत्र के साथ ४० व 50 हजार रुपए का चेक दिया जाता था। बाद में यह राशि बढ़ाकर 75 हजार तथा एक लाख रुपए कर दी थी। कक्षा 10 की छात्राओं को 75 हजार तथा 12वीं की छात्राओं को एक लाख रुपए दिए जाते हैं। कक्षा 8 वीं की छात्राओं को ४० हजार रुपए दिए जाते है। 12वीं की छात्राओं को राशि के साथ-साथ स्कूटी भी दी जाती है।

40 छात्राओं को इंतजार
चूरू जिले में कक्षा 8 , 10 व 12 की कुल 40 छात्राओं को यह पुरस्कार दिया जाना है। इसमें सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, एसबीसी, अल्प संख्यक, बीपीएल व दिव्यांग वर्ग से एक छात्रा का चयन किया जाता है। प्रदेश भर में कुल 1320 छात्राएं पुरस्कृत होगी। पहले 12वीं कक्षा में जिले से केवल 8 छात्राओं का चयन होता था। अब प्रत्येक जिले में 12वीं कक्षा की 24 छात्राओं को पुरस्कार दिया जाएगा। 8 -8 छात्राओं का चयन कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय से किया गया है।

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