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Mahashivratri 2024: सालों बाद प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि एक ही दिन, बन रहे हैं ये 4 शुभ संयोग

Mahashivratri 2024 : माघ माह के संपन्न होने के साथ ही अब महाशिवरात्रि पर्व को लेकर जनपद में शिवालयों के सजने का दौर शुरू हो गया है। इस बार महाशिवरात्रि पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस बार भगवान शिव का प्यारा प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि एक ही दिन रहेंगे।

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चूरू

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Kirti Verma

Feb 25, 2024

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Mahashivratri 2024 : माघ माह के संपन्न होने के साथ ही अब महाशिवरात्रि पर्व को लेकर जनपद में शिवालयों के सजने का दौर शुरू हो गया है। इस बार महाशिवरात्रि पर्व 08 मार्च को मनाया जाएगा। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस बार भगवान शिव का प्यारा प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि एक ही दिन रहेंगे। जिसके चलते बाबा आशुतोष के भक्तों को व्रत का दोहरा लाभ मिलेगा। महाशिवरात्रि के नजदीक आते ही शहर के शिव मंदिरों में रंग रोगन होने लगी है साफ-सफाई होने लगी है। महाशिवरात्रि पर इस बार 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इसके अलावा भगवान शंकर की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ मकर राशि का चंद्रमा होगा। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा।

जानें कब कौन सा योग और उसका प्रभाव : महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। लेकिन ये इस बार त्रयोदशीयुक्त चतुर्दशी में मनाया जाएगा। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 08 मार्च रात 09: 57 बजे से होगी। महाशिवरात्रि निशिथ काल पूजा मुहूर्त देर रात में 12:13 बजे से 01: 02 बजे तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि की पूजा भक्तों कीमनोकामनाओं की पूर्ति के लिए लाभादायक रहेगी। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर 4 शुभ संयोग बनने वाले हैं। महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ मकर राशि का चंद्रमा होगा। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा।

शिव योग : यह योग शुभ योगों में से एक है। शिव योग में साधना, मंत्र जाप आदि के लिए अच्छा होता है। महाशिवरात्रि के दिन बना शिव योग आपको शुभ फल प्रदान करने वाला है।

सिद्ध योग : महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त के समय सिद्ध योग होगा और महाशिवरात्रि व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है.। इस योग के स्वामी गणपति हैं, जो शुभता और सफलता प्रदान करते हैं। वे विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले हैं। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। किसी भी कार्य में सिद्धि के लिए इस योग को प्राथमिकता देते हैं। महाशिवरात्रि पर इस योग में जिस भी मनोकामना से शिव पूजा करेंगे, वह पूर्ण हो सकती है।

श्रवण नक्षत्र : इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और वे भगवान शिव के परम भक्त हैं। इस नक्षत्र में जो भी कार्य किए जाते हैं, वे सामान्यतया शुभ माने जाते हैं। जो लोग श्रवण नक्षत्र में जन्म लेते हैं, वे धनी, सुखी और प्रसिद्ध होते हैं।