
जन्म के बाद किसी न किसी कारण से मां का दूध नसीब नहीं हो रहे उन नवजात शिशुओं को भी अब मां का दूध मिल सकेगा। अगर जिस शिशु को उसकी मां का दूध नहीं मिल सकेगा उसे दूसरे शिशु की मां का दूध मिल सकेगा।
ऐसे नवजातों के लिए कई माताएं शुक्रवार को तैयार हो गई। आधा दर्जन प्रसूताओं ने दूध दान कर इस पुण्य कार्य की साक्षी बनी। शुक्रवार को राजकीय डेडराज भरतीया अस्पताल में मदर मिल्क बैंक शुरू होने के बाद पहले दिन कुल छह प्रसूताओं ने दूध दान किया।
शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राज्य समन्वयक योग गुरु देवेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि एक करोड़ की लागत से मदर मिल्क बैंक को स्थापित किया गया है। अब यहां अनेक नवजातों को जिन्हे मां का दूध नहीं मिलता था, उन्हे किसी ने किसी मां का दूध जरूर मिलेगा। इससे करीब 15 फीसदी शिशुओं को मौत से बचाया जा सकेगा। एसी युक्त इस भवन में स्टाफ भी अलग से लगा दिया गया है। स्टाफ को प्रशिक्षत किया गया है। इसके लिए छह नर्स, दो चतुर्थ श्रेणी व एक प्रभारी चिकित्सक को लगाया गया।
इस तरह स्टोर होगा दूध
दूध को पांच डिग्री सेल्सियस पर एक विशेष फ्रिज में स्टोर किया जाएगा। स्टोरी की क्षमता 165 लीटर की है। बाद में कई महिलाओं से प्राप्त दूध को एक साथ मिक्स कर कांच की शीशियों में एकत्र एक डीप फ्रिज में स्टोर किया जाएगा। दूध लेने के बाद उक्त महिला का रक्त सैंपल लिया जाएगा। सैंपल से एचआईवी, वीडीआरएल व हेपेटाइटिस-बी की जांच की जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही दूध को स्टोर किया जाएगा।
24 घंटे उपलब्ध रहेगा दूध
ब्लड बैंक के प्रभारी डा. इकराम हुसैन ने बताया कि बैंक में उन धात्री महिलाओं का भी उपचार किया जाएगा जिनके प्रसव के बाद दूध नहीं आता। इसके अलावा स्तर में किसी प्रकार की समस्या होनेे पर मशीन से दूध निकाल कर उसके बच्चों को पिलाया जाएगा। उपलब्धता पर दूध की सुविधा 24 घंटे चालू रहेगी। रात को एफबीएनसी वार्ड में दूध मिलेगा।बैंक का समय सुबह नौ से शाम के पांच बजे तक रहेगा। पीएमओ डा. जेएन खत्री, डा. जगदीश भाटी, इंजीनियर सुरेश शर्मा व प्रमोद कौशिक मौजूद थे।
छह माह तक सुरक्षित रहेगा दूध
विशेषज्ञों के मुताबिक स्टोर में दूध छह माह तक सुरक्षित रहेगा। एक बार फ्रीज से निकलने के बाद उसे अधिकतम चार घंटे में उपयोग में लेना होगा। इसके बाद वह खराब हो जाएगा। फ्रीज से एक बार बाहर निकलने के बाद उसे दुबार फ्रीज में स्टोर नहीं किया जा सकेगा।
यहां शुरू हुए मदर मिल्क बैंक
देवेन्द्र अग्रवाल के मुताबिक चूरू सहित ब्यावर, जिला चिकित्सालय अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, भरतपुर, बूंदी, चित्तौडग़ढ़ व टोंक में मिल्क बैंक शुरू हो गए हैं।
दूध के लिए करेंगे प्रेरित
स्वेच्छा से दूध डोनेट करने वाली महिलाओं से ही दूध लिया जाएगा। इसके लिए महिला को पहले से प्रेरित किया जाएगा। मां को नवजात के साथ बैंक में बुलाया जाएगा। यहां पर पहले अपने बच्चे को दूध पिलाएगी। उसके बाद जो दूध बचेगा उस दूध को मशीन द्वारा एक किट में निकाला जाएगा। इसकी मात्रा 20 से 50 ग्राम तक हो सकती है।
बीमार मां नहीं दे सकेंगी दूध
डा. इकराम ने बताया कि कई धात्री मां दूध दान नहीं सकेंगी। इसमें जिन प्रसूताओं को छह माह पहले खून चढ़ाया गया हो. जिनका सिजेरियन प्रसव हुआ हो। इसके अलावा यदि कोई बीमारी है या एनीमिया से ग्रसित हैं। ऐसी धात्री महिलाएं दूध नहीं दे सकेंगी।
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