19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब मंदबुद्धि व अविकसित बच्चों का होगा पहले से बेहतर उपचार

मेडिकल कॉलेज से जुड़े राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल में अब मंदबुद्धि व अविकसित बच्चों का भी बेहतर उपचार हो सकेगा।

2 min read
Google source verification
churu news

चूरू. मेडिकल कॉलेज से जुड़े राजकीय डेडराज भरतिया अस्पताल में अब मंदबुद्धि व अविकसित बच्चों का भी बेहतर उपचार हो सकेगा। इसके लिए डीबीएच में चाइल्ड रिहैबिलिटेशन क्लीनिक स्थापित की गई है। जिले के ऐसे बच्चों के परिजनों को अब बाहर व निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। बच्चों का उपचार पूरी तरह निशुल्क होगा। केवल पंजीयन शुल्क लगेगा। उपचार के बाद प्रतिदिन छुट्टी दे जाती है।

इन विकारों का होगा उपचार
- मंदबुद्धि
- सेरेब्रल पॉल्सी
- ओटीज्म (गुमसुम)
- चलने-फिरने में असमर्थ
- बोलने की समस्या जैसे हकलाना-तुतलाना
- लिखने की दिक्कत
- असामाजिक (उदंड) हरकते करने वाले बच्चे

इस तरह होगा उपचार
थैरेपिस्ट दिव्य सारस्वत ने बताया कि ऑक्यूपेशनल थैरेपी, दवाइयों व योगा के माध्यम से बच्चों का उपचार किया जाता है। कंटेजेंसी थैरेपी के माध्यम से भी बच्चों में व्याप्त विकार दूर करते हैं। बच्चे का विकास तालिका (ग्रोथ चार्ट) बनाई जाती है। परिजनों को भी कमजोर बच्चों के पालन-पोषण व विकास संबंधित जानकारी दी जाती है। बच्चे को प्रतिदिन लाने की जरूरत नहीं होती है चूंकि परिजनों को भी संबंधित अभ्यास आदि सिखा दिए जाते हैं, जिससे परिजन घरों पर ही बच्चों को संबंधित क्रियाएं करवा सकते हैं। केन्द्र में अब तक दो दर्जन से अधिक बच्चे आ चुके हैं।

इस तरह होगा उपचार
थैरेपिस्ट दिव्य सारस्वत ने बताया कि ऑक्यूपेशनल थैरेपी, दवाइयों व योगा के माध्यम से बच्चों का उपचार किया जाता है। कंटेजेंसी थैरेपी के माध्यम से भी बच्चों में व्याप्त विकार दूर करते हैं। बच्चे का विकास तालिका (ग्रोथ चार्ट) बनाई जाती है। परिजनों को भी कमजोर बच्चों के पालन-पोषण व विकास संबंधित जानकारी दी जाती है। बच्चे को प्रतिदिन लाने की जरूरत नहीं होती है चूंकि परिजनों को भी संबंधित अभ्यास आदि सिखा दिए जाते हैं, जिससे परिजन घरों पर ही बच्चों को संबंधित क्रियाएं करवा सकते हैं। केन्द्र में अब तक दो दर्जन से अधिक बच्चे आ चुके हैं।

इनका कहना है
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार अविकसित बच्चों के उपचार के लिए चाइल्ड रिहैबिलिटेशन क्लीनिक को स्थापित किया जा रहा है। क्लीनिक एक बार शुरू करवा दी है उपचार संबंधी और सामान भी मंगवाए गए हैं। यदि किसी के बच्चे चोरी करते हों, अत्यधिक लड़ाई-झगड़े करते हैं, अभद्र व्यवहार करते हैं तो उन बच्चों को क्लीनिक में लाकर उपचार करवा सकते हैं।
डा. मोतीलाल सोनी, क्लीनिक प्रभारी, मेडिकल कॉलेज, चूरू