
(पत्रिका फाइल फोटो)
Rajasthan News: मरुस्थल का गेट-वे कहा जानेवाला चूरू, छोटी काशी चूरू, कृष्ण मृग अभयारण्य तालछापर, देश के बड़े तीर्थों में शुमार सालासर बालाजी धाम, नाथ आश्रमो, देवालयों, छतरियों, जैन मंदिरों, स्यानण डूंगरी, गोपालपुरा द्रोणांचल, श्याम पाण्डिया, जाहर वीर गोगाजी की जन्मस्थली ददरेवा और हवेलियों की नगरी चूरू व रतननगर सहित न जाने कितनी विरासतीय धरोहर इस मरुधरा पर बिखरी पड़ी है कि उसे सीमाओं में भी नहीं बांधा जा सकता।
शेखावाटी, थळी अंचल से लेकर कालीबंगा सहित पुरातात्विक इतिहास संजोए रखनेवाला यहां लोक संस्कृति शोध संस्थान चूरू जहां शुरू से ही सर्वहित कारिणी सभा के माध्यम से देश और दुनियां का ध्यान इस ओर आकर्षित करता रहा हैं।
वहीं राजस्थान पत्रिका ने यहां की हवेलियों के संरक्षण से लेकर चूरू को पर्यटन हब बनाने का मुद्दा उठाए रखा। जिसकी परिणीति में एक अच्छी खबर यह है आई हैं कि राजस्थान सरकार अब चूरू, झुंझुनूं और सीकर की हवेलियों का सर्वेक्षण करवा इनके लिए विकास योजना तैयार करवा रही है।
थळी और शेखावाटी अंचल के लिए अच्छी खबर यह है कि यहां की हेरिटेज हवेलियों का सर्वेक्षण करवाया जाएगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसकी पहल करते हुए हवेलियों के सर्वेक्षण के साथ इनके संरक्षण और विकास की कार्य योजना तैयार किए जाने को हरी झंडी दे दी बताई जाती हैं।
सीकर, झुंझुनूं और चूरू जिले की हवेलियां जिनमें राजस्थान की सांस्कृतिक पंरपरा, स्थापत्य और भित्ति चित्रकला के माध्यम से इतिहास और सांस्कृतिक विरासत छुपी हुई है को संजोने के लिए राजस्थान सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया हैँ। जानकारी के अनुसार इन तीनों जिलों की सभी हवेलियों का सरंक्षण और विकास की कार्य योजना तैयार किया जाना प्रस्तावित है।
हेरिटेज हवेलियों की दशा सुधारने के लिए सरकार इस दिशा में विधिक उपायों की संभावना अनुसार अधिनियम लाए जाने पर विचार कर रही है। हवेलियों के संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री न केवल सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं बल्कि चूरू, झुंझुनूं और सीकर जिले के कलक्टर्स को निर्देश भी दिए हैं।
जानकारी के अनुसार सरकार के निर्देशों पर जिला कलक्टर अपने जिले में स्थित हेरिटेज भवनों की सूची तैयार कर इनके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। इस कार्य में सामाजिक दायित्व तय कर इसमें निजी क्षेत्रों की भागीदारी के साथ प्रोत्साहित करने की योजना भी बनाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार सरकार तीनों जिलों की दुर्लभ हेरिटेज हवेलियों का संरक्षण करवाने के साथ ही इनके जीर्णोद्धार को प्राथमिकता दे रही है। चूरू की एक से बढ़कर हवेलियां जिनकी भींत पर सजे दुर्लभ भित्ति चित्र केवल चित्र ही नहीं बल्कि इसमें देश प्रदेश की संस्कृति झलकती हैं।
चूरू जिले में चूरू सहित सभी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रारंभिक सर्वे कर सभी सूचनाएं एकत्रित कर ली है। जिले में हवेलिया, देवालय, छतरिया स्मारक आदि का सर्वे कर एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी तैयार की गई हैं। सरकार की ओर से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त होंगे तो इस पर और भी काम किया जाएगा। हेरिटेज हवेलियां हमारी सांस्कृतिक धरोहर है इसलिए इनके संरक्षण के लिए सरकार की ओर से जो मार्ग दर्शन मिलेगा उसी अनुरूप योजना बनाकर कार्य किया जाएगा।
- अभिषेक सुराणा, जिला कलक्टर चूरू
Published on:
04 Jul 2025 04:58 pm
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