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Bihar Election 2025: अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग पर क्यों उठाए सवाल? पूछा- किस दिशा में जा रहा है देश?

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की कार्यशैली और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

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Ashok Gehlot

पूर्व सीएम अशोक गहलोत, फोटो- ANI

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की कार्यशैली और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस नेताओं के साथ किए गए व्यवहार को 'अशोभनीय' और 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था दबाव में काम कर रही है।

चुनाव आयोग लगाए गंभीर आरोप

न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि यह देश किस दिशा में जा रहा है? चुनाव आयोग का व्यवहार अभूतपूर्व और निंदनीय है। मैं समझ नहीं पा रहा कि इसकी आलोचना किन शब्दों में करूं। गहलोत ने जयपुर में कहा कि आजादी के बाद पहली बार चुनाव आयोग के अधिकारियों का ऐसा व्यवहार देखने को मिला है, जो न केवल अशालीन है, बल्कि लोकतंत्र के लिए चिंताजनक भी है।

उन्होंने कहा कि हमने कई बार चुनाव आयोग से मुलाकात की है और अपनी बात रखी है। हो सकता है कि हमारी बातें उन्हें पसंद न आई हों, लेकिन पहले उनका व्यवहार शालीन होता था। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे देश के हर नागरिक और राजनीतिक दल के प्रतिनिधि को धैर्यपूर्वक सुनें और निष्पक्ष फैसले लें।

अशोक गहलोत ने बिहार चुनाव के संदर्भ में उठ रहे सवालों का जिक्र करते हुए कहा कि 25 दिनों में 8 करोड़ मतदाताओं की सूची तैयार करना असंभव है। गहलोत ने इसे 'चुनाव आयोग का नया शिगूफा' करार दिया और बताया कि पटना दौरे के दौरान उन्होंने वहां के लोगों में इस मुद्दे को लेकर भारी नाराजगी देखी। गहलोत ने कहा कि नई मतदाता सूची की प्रक्रिया से निष्पक्ष चुनाव की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं।

गहलोत ने ड्राइवर का सुनाया किस्सा

उन्होंने कहा कि मेरे ड्राइवर तक कह रहे थे कि उनसे जन्मतिथि के प्रमाण मांगे जा रहे हैं। लाखों लोग इस प्रक्रिया से वंचित रह सकते हैं। गहलोत ने सवाल उठाया कि जब नीतिगत फैसले लिए जाते हैं, तो विपक्ष को विश्वास में क्यों नहीं लिया जाता? उन्होंने इसे एकतरफा निर्णय बताते हुए लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।

देश के संस्थानों पर दबाव के लगाए आरोप

कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र चुनाव के दौरान उठाए गए सवालों का भी जिक्र किया, जिनका चुनाव आयोग कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी संस्थाएं दबाव में काम कर रही हैं। ये संस्थाएं देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनका दुरुपयोग विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।

पूर्व सीएम ने दावा किया कि इनकम टैक्स और ईडी ने 193 केस दर्ज किए, जिनमें से केवल 1 प्रतिशत ही साबित हो पाए, जिससे विपक्षी नेताओं और उनके परिवारों को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ी। गहलोत ने चेतावनी दी कि यदि सत्तापक्ष विपक्ष की आवाज को दबाएगा, तो यह न केवल देश के लिए, बल्कि स्वयं सत्तापक्ष के लिए भी नुकसानदायक होगा।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है, जब विपक्ष की बात सुनी जाए। अगर न्यायपालिका, नौकरशाही और स्वतंत्र संस्थाएं दबाव में काम करेंगी, तो लोकतंत्र कमजोर होगा।