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चूरू
राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर चंदन के कलाकार के रूप में मशहूर मालजी जांगिड़ के परिवार की तीसरी पीढ़ी एक बार फिर चूरू को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने जा रही है। इससे पहले मालजी के परिवार के नौ जने अपनी कला के दम पर तात्कालीन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से सम्मानित होकर शहर को राष्ट्रीय स्तर पर कला नगरी के रूप में पहचान दिला चुके हैं।
गौरतलब है कि परिवार के चंदन के कलाकार ओमप्रकाश जांगिड़ का चयन राष्ट्रीय हस्त शिल्प (मैरिट) पुरस्कार 2016 के लिए किया गया है। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के निदेशक अरुण कुमार यादव ने जांगिड़ को पत्र प्रेषित कर पुरस्कार के लिए चयनित होने की जानकारी दी। आगामी दिनों में ओमप्रकाश को प्रमाण पत्र व 75 हजार रुपए नकद भेंटकर सम्मान किया जाएगा। परिवार के ही चंदन शिल्पी पवन ने बताया, उनके यहां से कलाकृतियां जयपुर-दिल्ली भेजी जाती है। वहां से देश के अलावा एक्सपोर्टके जरिए विदेशों में बिक्री होती है।
चूरू में इस परिवार ने चंदन पर चित्रकारी में अपना एक अलग ही मुकाम बनाया है। इस परिवार के लोगों को चंदन के कलाकार के नाम से भी जाना जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम ? परिवार के लोग करते आ रहे है।
इन्हें मिल चुका अब तक राष्ट्रपति पुरस्कार
मालचंद जांगिड़ को सन 1971 में राष्ट्रपति विवि गिरी ने पुरस्कार दिया। दूसरा राष्ट्रपति पुरस्कार 1972 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया।
1973 में चौथमल जांगिड़ को राष्ट्रपति विवि गिरी ने दिया।
चौथमल के बेटे महेश को 1993 में व विनोद को 1995 में राष्ट्रपति डा. शंकरदयाल शर्मा ने पुरस्कृत किया।
तीसरे बेटे पवन जांगिड़ को 1999 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रपति पुरस्कार दिया।
2002 में चौथे बेटे सीताराम को उप राष्ट्रपति कृष्णकांत शर्मा ने राष्ट्रपति पुरस्कार दिया।
छोटे भाई नोरतमल को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति पुरस्कार दिया।
पोते कमलेश को 2015 में वर्ष राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इस पुरस्कार से नवाजा।
इसके अलावा मालजी जांगिड़ के दूसरे बेटे को भी एक बार राष्ट्रपति पुरस्कृत कर चुका है।
Published on:
10 Apr 2018 10:36 pm
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