
Heroines of change: प्रिया ने सीखी मूक-बधिरों की भाषा, अब उनके लिए बन गई बुलंद आवाज
मधुसूदन शर्मा
चूूरू. मूक बधिरों की पीड़ा हर कोई नहीं समझ सकता। या तो वो इंसान समझता है जिसने इस दर्द को झेला हो या फिर उसके परिवार में कोई इससे पीडि़त हो। जिला मुख्यालय पर भी ऐसी ही महिला शिक्षक हंै जो इस दर्द को समझती है और ऐसे ही लोगों की वह आवाज बन चुकी है। एक ऐसी आवाज जो ऐसे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटाती है। जी हां, ये वो सख्सियत है जिनका नाम है प्रिया शेखावत। जिन्होंने अपना जीवन ऐसे बच्चों का सहारा बनने के लिए समर्पित कर दिया। इनके सगे भाई राजेश शेखावत मूक बधिर हंै। इसलिए उन्होंने साइन लैंग्वेज (सांकेतिक भाषा) सीखी। आज इसी भाषा के माध्यम से प्रिया ऐसे बच्चों का दर्द समझने, उनकी समस्या जानने में लगी है। उनका सपना कॉलेज व्याख्याता बनना था लेकिन भाई की तकलीफों ने रास्ता ही बदल दिया। वे शिक्षक बनकर इनके लिए राह बन गई हैं। प्रिया ने बताया कि उसके बड़े भाई मूक बधिर हैं। वे श्रीगंगानगर के हॉस्टल में पढ़ते थे। साल में एक दो बार घर आते थे। जब छोटे-छोटे इशारे के माध्यम से वह खुश होते थे। उनको छोड़कर सभी भाई बहन मुंह से बोलकर बातें करते थे। जिससे काफी पीड़ा हुई। फिर सांकेतिक भाषा को सीखने के लिए उच्च स्तर की पढ़ाई की। भाई के चेहरे की खुशी देखकर प्रिया ने डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन इन हियरिंग की। विशेष अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल की। वे अब चूरू तहसील के गांव राउप्रावि हुणतपुरा में कार्यरत है।
दो छोटे भाई बहनों ने भी सीखी ये भाषा
बड़ी बहन के कार्य का असर उसके दो छोटे भाई व बहन पर भी पड़ा। उन्होंने भी दिल्ली से सांकेतिक भाषा सीखी ताकि वे भी भविष्य में किसी के काम आ सके। प्रिया के पिता खेतड़ी कॉपर प्लांट में काम करते हैं। मां बालूदेवी गृहिणी है। प्रिया एक साल से चूरू में सेवाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि ये भी सामान्य बच्चों की तरह है। इनका ध्यान रखें।
ऐसे बच्चों के लिए हमेशा रहती है तत्पर
प्रिया शेखावत सरकारी शिक्षक हंै लेकिन मूक बधिर से संबंधित कोई कार्यक्रम होता है तो उन्हें सांकेतिक भाषा में समझाने के लिए पहुंच जाती है। ऐेसे बच्चों के लिए उनकी भाषा, बोली बनना उन्हें बेहद पसंद है। प्रिया शेखावत ने बताया कि ऐसे बच्चों से सांकेतिक भाषा में संवाद करके मन को खुशी मिलती है। आज उनके बड़े भाई जयपुर में रेलवे में जॉब कर रहे हंै। उनकी पत्नी भी मूक बधिर है लेकिन मोबाइल से वीडियो कॉल कर उनके साथ सांकेतिक भाषा में सामान्य व्यक्ति की तरह बात भी करती हैं। प्रिया शेखावत ने बताया कि यह बहुत ही पुण्य का कार्य है। कुदरत ने इनके साथ कू्रर मजाक किया लेकिन मेरे मन की संवेदनाओं ने इनको समझने के लिए प्रेरित किया। सांकेतिक भाषा से इनकी समस्या जान सकती हूं।
Published on:
08 Mar 2020 06:00 am
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