Churu News : चूरू/सादुलपुर. सीकर संभाग के सबसे बड़े जिले चूरू की पुलिस नफरी की कमी से जूझ रही है। 16 हजार 830 वर्ग किलोमीटर में फैले जिले में 15 सौ लोगों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के एक जवान पर है। जिले की औसत जनसंख्या 20 लाख से अधिक है, जबकि पुलिसकर्मी महज 1140 ही तैनात है। ऐसे में गश्त,आपराधिक मामलों की जांच, अपराधियों की धरपकड़ और यातायात प्रबंधन जैसे कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। थाने चौकियों में जांच अधिकारियों के कंधों पर फाइलों का भारी-भरकम बोझ है।
जिले में 22 थाने, 25 पुलिस चौकी
जिले में महिला थाना और साइबर थाने सहित 22 पुलिस थाने तथा 25 पुलिस चौकी है। शहर कोतवाली, सदर एवं महिला थाना जिला मुख्यालय पर स्थापित हैं। जिले के दूसरे थानों की स्थिति देखी जाए तो अधिकतर थानों के बीच 30 से 50 किलोमीटर की दूरी है। ऐसे में रात्रिगश्त से लेकर अपराध की रोकथाम के प्रयासों पर पुलिस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। कई गांवों में तो पुलिस की गश्त रात को एक बार भी नहीं हो पाती है। हालांकि कुछ समय पहले विभाग को कुछ कांस्टेबल मिले, जो भी ट्रेनिंग पर हैं। ऐसे में स्थिति फिर भी ढाक के तीन पात साबित हो रही है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सरकार स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं कि नई भर्तियों से नफरी की कमी को पूरा किए जाए। वहीं पदोन्नती के मामले भी लम्बे समय से अटके हैं।
सीआई, एसआई और एएसआई की ज्यादा कमी
जिले में सीआई,एसआई और एएसआई लेवल पर सबसे ज्यादा कमी देखी जा रही है। स्वीकृत पद रिक्त चल रहे हैं। नई भर्तियां नहीं होने से थानों में इनकी तैनातगी नहीं हो पा रही है। एसआई और एएसआई लेवल पर पर ज्यादा कमी के चलते अनुसंधान में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी विभाग द्वारा कोशिश की जा रही है समय पर निष्पक्ष पूर्ण अनसुंधान किया जाए। हालांकि सरकार लगातार प्रमोशन करके भी प्रयास किए जा रहे है कि इन पदों की पूर्ति हो।
चौकियों में कैसे लगाएं जवान
जब जिले के थाने में नफरी की कमी पूरी नहीं हो पा रही तो जिले की चौकियों में पुलिस के जवानों की तैनाती बड़ी परेशानी बन गई है। कई चौकियों में तैनाती तो है, लेकिन तैनात जवानों को फिल्ड या थाने में रहकर काम पूरे करने होते हैं। ऐसे में कोई मामला होने पर जनता की नाराजगी सामने आती है।
जिले में 298 पद हैं रिक्त
पुलिस मुख्यालय से चूरू जिले के लिए 1140 पुलिस नफरी स्वीकृत है। इसके अनुपात में जिले में करीब 822 पुलिस नफरी मौजूद है। ऐसे में जिले में स्वीकृत नफरी में से 298 पुलिस जवानों और अधिकारियों की कमी चल रही है।
कैसे पूरी हो जिम्मेदारी
नफरी की पुलिस पर जिम्मेदारी के साथ मानसिक तनाव भी बढ़ा रही है। वजह है कि अपराधिक घटना की सूचना पर समय पर नहीं पहुंचने के साथ गिरफ्तारी और वारंट तामिल जैसे कार्य भी उनके लिए परेशानी भरे हो गए हैं। बीट का दायरा अधिक होने के कारण समय पर लोगों से संवाद भी नहीं हो पता है। ऐसे में जवानों को अक्सर शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। परिस्थितियां असामान्य होने के कारण अपराधिक घटनाओं का सामना और अवैध व्यापारिक गतिविधियों को रोकना भी बड़ी चुनौती होता जा रहा है।
विधायक ने लिखा गृहमंत्री को पत्र
नफरी की कमी को लेकर सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली ने गृहमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि चूरू में डीवाईएसपी, सीआई, एसआई व एएसआई समेत सिपाहियों तक की कमी बनी हुई है। यह पुलिस व्यवस्था के लचर होने का संकेत है। चूरू एक सीमावर्ती जिला है, जिले में गैंगवार की अनेकों घटनाएं घटित हो चुकी हैं।
'जिले में नफरी की कमी बनी हुई है। पुलिस निरीक्षक, उप निरीक्षक व सहायक उप निरीक्षक की ज्यादा कमी है। समय-समय पर नई भर्तियों से पदों को भरा जाता है। पुलिस मुख्यालय का प्रयास रहता है कि रेगूलर प्रमोशन हो और जो जाब्ते की कमी बनी हुई है। उसकी पूर्ति की जाए। नई भर्तियां भी लगातार की जा रही है। जल्द ही इसमें सुधार होने की उम्मीद है।' - जय यादव, पुलिस अधीक्षक, चूरू
Updated on:
15 Jul 2024 04:19 pm
Published on:
15 Jul 2024 03:51 pm