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राठौड़ ने आरटीआई कार्यकर्ता की पूछी कुशलक्षेम

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को जोधपुर में बाड़मेर जिले में भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर बदमाशों के जानलेवा हमले का शिकार हुए आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा एवं उसके परिजनों से अस्पताल में कुशलक्षेम पूछी।

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राठौड़ ने आरटीआई कार्यकर्ता की पूछी कुशलक्षेम

राठौड़ ने आरटीआई कार्यकर्ता की पूछी कुशलक्षेम

चूरू. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को जोधपुर में बाड़मेर जिले में भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर बदमाशों के जानलेवा हमले का शिकार हुए आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा एवं उसके परिजनों से अस्पताल में कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने गहलोत सरकार से हमले के दोषी मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार करने व आरटीआई कार्यकर्ता को सुरक्षा मुहैया करने की मांग की। राठौड़ ने कहा कि 21 दिसंबर को बाड़मेर जिले में भ्रष्टाचार व अवैध शराब बेचने की शिकायत करने पर बदमाशों ने अमराराम से निर्ममता से मारपीट की। पैरों में लोहे की कीलें ठोकी और वे फरार हो गए। 6 दिन बाद भी मुख्य साजिशकर्ता फरार हंै। पुलिस प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटा हुआ है।
राठौड़ ने कहा कि पुलिस व अपराधी के गठजोड़ के कारण व्हिसल ब्लोअर, आरटीआई कार्यकर्ता व सरकार के काले कारनामों का खुलासा करने वाले कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। वर्ष 2019 में बाड़मेर में ही पुलिस कस्टडी में आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश गोलिया की मौत हुई थी। उस समय भी दोषी पुलिस अधिकारियों पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने नहीं किया था। इस सरकार की वास्तविकता ये है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा आरटीआई कार्यकर्ताओं को जान देकर चुकानी पड़ रही है। सीएम ने ऐसी विभत्स घटना पर महज 2 लाख रुपये देने की घोषणा की जो नाकाफी व अपर्याप्त है।
पुलिस की मिलीभगत से हुआ हमला
राठौड़ ने आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम से बात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस की मिलीभगत से मेरे पर हमला हुआ। मैं एक साल से जानकारियां मांग रहा था। कांग्रेस का जो प्रधान है उसकी गाड़ी में अपहरण किया गया। जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा वे भाड़े के हैं। असली लोग तो बाहर है। एक घंटे तक मेरी पिटाई होती रही। मुझे कई बार धमकाया कि ये जानकारियां मांगना बंद कर नहीं तो जान से मार देंगे।