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चहेतों के तबादलों से बिगड़ा स्कूलों का ढांचा

राजस्थान सरकार के सबसे बड़े महकमे शिक्षा विभाग में चहेतों को लाभान्वित करने के लिए बंफर तबादले किए जा रहे हैं। शिक्षा सत्र के बीच किए गए इन तबादलों ने ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों का गणित ही बिगाड़ दिया है।

चूरूDec 28, 2022 / 11:14 am

Madhusudan Sharma

चहेतों के तबादलों से बिगड़ा स्कूलों का ढांचा

चहेतों के तबादलों से बिगड़ा स्कूलों का ढांचा

मधुसूदन शर्मा
चूरू. राजस्थान सरकार के सबसे बड़े महकमे शिक्षा विभाग में चहेतों को लाभान्वित करने के लिए बंफर तबादले किए जा रहे हैं। शिक्षा सत्र के बीच किए गए इन तबादलों ने ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों का गणित ही बिगाड़ दिया है। क्योंकि महकमे में काम करने वाले कार्मिकों के 1 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। जिनमें अनेक संवर्ग ऐसे हैं। जिनमें पिछले लम्बे समय से भर्ती तक नहीं हुई है। शिक्षा विभाग की 80 प्रतिशत स्कूलों में सहायक कर्मचारी नहीं होने से सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है। सरकार कोई भी आए, लेकिन हालात जस के तस है। सरकार जानकारों के तबादले ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में कर रही है। जिसका सीधा नुकसान ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को हो रहा है। एक तरफ महकमा कार्मिकों की कमी झेल रहा है। वही सरकार अपने लोगों को उपकृत करने के लिए तबादले करने में व्यस्त है। यही नहीं शिक्षा विभाग पर चुनाव सहित राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा भी है। ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदेश के शहरों में पद नहीं होने के बावजूद तबादले किए जा रहे हैं। सैंकड़ों स्कूल ऐसे हैं जहां प्रधानाचार्य तो दूर की बात एक भी व्याख्याता कार्यरत नहीं है। उन स्थानों पर वहां वरिष्ठ अध्यापक के पास पीईईओ स्कूलों का प्रभार है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी। फरवरी में बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली है। अभी दिसंबर माह में वरिष्ठ अध्यापक,व्याख्याता, उप प्रधानाचार्य ,प्रधानाचार्य की बड़ी बड़ी सूची जारी की जा रही है जिसमे ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में शहरों आसपास पदस्थापन किया जा रहा है। इससे साफ है की सरकार व विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के भविष्य की कोई ङ्क्षचता नहीं है। वर्तमान में शिक्षा विभाग में कुल 336270 पद स्वीकृत हैं जिनमें226803 पदों पर कार्मिक कार्यरत है।शेष 109462 पद रिक्त हैं। विभाग में कुल 330755 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 32.55 प्रतिशत पदों पर कर्मचारियों की नियुक्तियां होनी बाकी हैं।
शैक्षणिक स्टाफ के ये पद भरने की जरूरत
अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, उप प्रधानाचार्य, प्रधानाचार्य आदि के रिक्त पदों से शिक्षा की लौ मद्दम पड़ रही है। शिक्षा विभाग में 26 दिसंबर2022 की शाला दर्पण पर उपलब्ध रिपोर्ट के मुताबिक सभी श्रेणी के पदों को मिलाकर एक लाख कर्मचारियों की अब भी जरूरत है। महकमे में अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, उप प्रधानाचार्य, प्रधानाचार्य, शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक, लिपिक, जमादार, प्रयोगशाला सहायक, प्रयोगशाला परिचारक, सहायक कर्मचारी, प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य कार्मिकों के पद रिक्त हैं।
20 दिसंबर को जारी तबादलों का गणित
पद तबादले कितने हुए
प्रधानाचार्य 520
उप प्रधानाचार्य 39
व. अ. अंतर मंडल 257
व.अ. अजमेर मंडल 93
व.अ. जोधपुर मंडल 137
व.अ. जयपुर मंडल 273
व.अ.भरतपुर मंडल 106
व.अ. पाली मंडल 23
व.अ. कोटा मंडल 122
व.अ. बीकानेर मंडल 54
व.अ. चूरू मंडल 92
शिक्षा विभाग में कुल पद कार्यरत व रिक्त पदों का वर्गीकरण
पद स्वीकृत कार्यरत रिक्त
प्रधानाचार्य 16360 10074 6286
उप प्रधानाचार्य 12421 2220 10201
व्याख्याता 54167 40966 13201
शा.शि.-1 264 135 129
पुस्तकालय अध्यक्ष-1 42 1 41
वरिष्ठ अध्यापक 77747 57272 20475
पुस्तकालय अध्यक्ष-2 1098 306 792
शा. शिक्षक-2 3508 22097 1411
अति.प्रशा.अधिकारी 1419 292 1127
पुस्तकालय अध्यक्ष-3 2990 2008 982
अध्यापक (तृतीय श्रेणी ) 90906 73976 16930
शा.शि.-3 10873 10165 708
सहा.प्रशा.अ. 3678 1914 1764
वरिष्ठ कम्प्यूटर
अनुदेशक 591 0 591
बेसिक कम्प्यूटर
अनुदेशक 9862 0 9862
वरिष्ठ प्रयोगशाला
सहायक 442 159 283
प्रयोगशाला सहायक-3 3969 3310 659
वरिष्ठ सहायक 5633 4050 1583
कनिष्ठ सहायक 11270 10094 1175
जमादार 519 153 366
प्रयोगशाला परिचारक 1470 303 1167
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 26043 6919 19124
(इन आंकड़ों का आधार तिथि 26 दिसम्बर, 2022 के शाला दर्पण रिपोर्ट के अनुसार हैं।)
इनका कहना है
शिक्षा विभाग में वर्तमान में स्वीकृत पदों के मुकाबले 32.55 प्रतिशत पद रिक्त हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों में अध्यनन करने वाले लाखों विद्यार्थियों को पढ़ाई में विषय अध्यापक नहीं मिल पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही अधिकांश पद रिक्त हैं। जो थोड़े बहुत शिक्षक कार्यरत हैं सरकार उनका तबादला शहरों की स्कूलों में करके ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढऩे वाले लाखों विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ कर रहीं है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। रिक्त पदों को भरना चा हिए ताकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना हो।
मोहरसिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष शिक्षक संघ रेसटा,राजस्थान

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