
तेरापंथ बीदासर से कई ऐतिहासिक संदर्भों में जुड़ा हुआ: आचार्य महाश्रमण
जब मन में रुचि होती है तो व्यक्ति ध्यान से सुनता है
चूरू (बीदासर). तुलसी महाप्रज्ञ मानव कल्याण केन्द्र रतना नर्सिंग होम में मंगल प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा कि प्राणी जगत में मनुष्य जन्म प्राप्त भी हो जाए तो उसके पश्चात धर्म श्रवण को दुर्लभ बताया गया है। श्रवण के बाद उस पर श्रद्धा होना और उस अनुरूप आचरण होना परम दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि जब मन में रुचि होती है तो व्यक्ति ध्यान से सुनता है। आवश्यक है कि व्यक्ति द्वारा इस मनुष्य जन्म का सदुपयोग करें। यह मनुष्य जन्म वृक्ष के समान है। इसमें जिनेंद्र, वीतराग के प्रति श्रृद्धा, गुरू, संयमी की पर्युपासना, प्राणियों के प्रति दया की भावना जैसे फल लगे तो यह मनुष्य जन्म सार्थक बन सकता है।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि तेरापंथ बीदासर से कई ऐतिहासिक संदर्भों में जुड़ा हुआ है। तेरापंथ के पंचम आचार्य श्रीमघवागणी की जन्म भूमि है। साध्वी प्रमुखा भी यहां से हुई है और कितने लम्बे समय यहां वयोवृद्ध साध्वियों का प्रवास होता आया है। इस बार वृहत मर्यादा महोत्सव का प्रंसग हैं। इतने साधु-साध्वी एकत्रित हुए हैं मानो संत समागम हो रहा है। तेरापंथ महिला मण्डल बीदासर की बहनों ने गीत का संगान किया। आचार्य महाश्रमण शुक्रवार को सुबह रतना नर्सिंग होम से विहार कर तेरापंथ भवन मे मगल प्रवेश करेंगे। जहां पर ५, ६ व ७ फरवरी को मर्यादा महोत्सव होगा। इससे पूर्व तेरापंथ धर्मसंघ के अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण गुरुवार को चाड़वास से विहार कर सीकर नौखा मार्ग स्थित नवनिर्मित एकता प्रवेश द्वार पहुंचने पर कस्बे के ३६ कौम के लोगों ने उनके स्वागत में पलक पावड़े बिछाकर स्वागत किया। स्वागत द्वार पर आचार्य महाश्रमण का विधायक मनोज मेघवाल, खेमाराम मेघवाल, प्रधान संतोष मेघवाल, पालिका अध्यक्ष सीताराम भौभरिया, पालिका उपाध्यक्ष मेराज उल हसन छीपा, कांगे्रस के वरिष्ठ नेता मेघराज सांखला, नगर कांग्रेस अध्यक्ष जेठाराम यादव, घेवरचंद सैखानी, मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के अध्यक्ष कन्हैया लाल गिडिय़ा, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अशोक बौथरा आदि ने स्वागत किया।
अचानक हटा नया शिलालेख पट्ट
सुजानगढ़. जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा भवन के प्रवेश द्वार के पास चार दीवारी में 31 जनवरी को लगा शिलालेख का अचानक हटना शहर में चर्चा का कारण बना हुआ है। नगरपरिषद आयुक्त के नाम से लगे नाम पट्ट में नवनिर्मित सड़क का लोकार्पण व नामकरण विधायक मनोज मेघवाल व सभापति निलोफर गौरी द्वारा ऐन वक्त पर विवाद के कारण टाल दिया गया। लोकार्पण टालने के पीछे कारण यह सामने आया कि इस मार्ग का 40 वर्षो से नाम सागर मार्ग था। सागर मार्ग निर्माताओ से नए नामकरण की अनुमति नहीं ली गई। जिसका बैंगलूरु प्रवासी सुरपतसिंह चौरडिय़ा का वीडियो वायरल हुआ था। नया शिलालेख कब ओर किसने हटाया, यह पता नहीं लग पाया। नगरपरिषद आयुक्त सोहनलाल नायक ने कहा कि यह मेरी जानकारी में नहीं कि किसने हटाया। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष धर्मेन्द्रसिंह चौरडिय़ा ने बाद में बात करने का कहकर टाल दिया।
Published on:
04 Feb 2022 12:22 pm
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