
complaints INNAREGA CHURU
चूरू. जिला परिषद में लंबे समय से लोकपाल के नहीं होने के कारण मनरेगा में की गई शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाया है। दर्ज 30 शिकायतों में से केवल 10 की ही जांच रिपोर्ट आई है। ऐसे में हाल ही में नियुक्त किए लोकपाल के सामने इन शिकायतों को निपटाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
सबसे ज्यादा शिकायतें राजगढ़ में
मनरेगा में सबसे अधिक शिकायतेें राजगढ़ तहसील में की गई हैं। इसमे एक शिकायत राज्य स्तर से बाकी मनरेगा प्रकोष्ठ से हुई हैं। इसके बाद सरदारशहर पांच शिकायतों के साथ दूसरे स्थान पर है। यहां जांच की गति भी काफी धीमी है। रतनगढ़ में भी राज्य स्तर से एक शिकायत की गई है। जिसकी जांच लंबित है। वहीं, गिनड़ी पट्टा, दूधवाखारा, बेवड़, रतनादेसर, लूणासर बालरासर में शिकायतें प्रमाणित नहीं हुई।
तीन मामलों में हुई कार्रवाई
वर्ष 2016 में ख्याली ग्राम पंचायत में मृतक के नाम से भुगतान उठाने के मामले में रोजगार सहायक को दोषी मानते हुए उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया और उसे दूसरी पंचायत में लगा दिया गया। भुगतान के 6 हजार 61 रुपए पंचायत के खाते में जमा करवा दिए गए। जांच मेें पाया गया कि मृतक व उसकी पत्नी का संयुक्त खाता था। पति की मौत के बाद पत्नी ने काम किया लेकिन रुपए पत्नी के नाम से नहीं पति के नाम से खाते में भेज दिए गए। इसके अलावा बुकनसर बड़ा में आवास योजना के भुगतान में देरी करने पर ग्रामसेवक व ग्राम रोजगार सहायक के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए। वहीं, पाबूसर में शिकायतकर्ता रामचन्द्र लुहार का बकाया नरेगा भुगतान कर दिया गया।
मनरेगा संबंधी शिकायत यहां करें
जिले में चल रहे मनरेगा कार्यों में कहीं पर कोई अनियमितता की जा रही है तो उसकी शिकायत जिला परिषद में लोकपाल शिकायत बॉक्स में दे सकते हैं। इसके अलावा पंजीकृत डाक से भी शिकायत जिला परिषद लोकपाल व जिला परिषद मुख्य कार्याकारी अधिकारी के नाम भेज सकते हैं।
कहां कितनी शिकायतें
ब्लॉक शिकायत जांच पूरी
चूरू 03 02
राजगढ़ 09 03
तारानगर 04 00
सरदारशहर 05 01
रतनगढ़ 04 03
सुजानगढ़ 03 01
बीदासर 01 00
जानिए नए लोकपाल की पृष्ठभूमि
नव नियुक्त लोकपाल सुजानगढ़ के वार्ड 40 निवासी रघुवीर सिंह, प्रधानाध्यापक पद पर रह चुके हैं। वे जनवरी में 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनका कहना है कि सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन करेंगे। जो भी लंबित प्रकरण हैं उनका निस्तारण करने का पूरा प्रयास करेंगे। ज्ञातव्य हो कि इससे पहले इन्द्राजसिंह पूनिया को लोकपाल लगाया गया था लेकिन उन्होंने पारिवारिक कारणों से कुछ ही माह में त्यागपत्र दे दिया।
''इस साल उनके आने के बाद मनरेगा में 29 शिकायतें दर्ज थी, जिसमें से 10 में जांच पूरी करवा ली गई है। कुछ में शिकायतें सही नहीं मिली। एक का निस्तारण कर दिया गया। दो में संबंधित पर कार्रवाई की गई है। शिकायतों के निस्तारण के लिए सरकार ने लोकपाल भी लगा दिया है, अब और गति मिलेगी।
राजपालसिंह, सीईओ, जिला परिषद
Published on:
05 Nov 2017 12:18 pm
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