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गायों के अनुदान पर भारी पड़ रही नियमों की पेचीदगी

राज्य में गोवंश के पालन के लिए गोशालाओं को मिलने वाले अनुदान पर राज्य सरकार की ओर से लागू नियमों की पेचीदगी भारी पड़ रही है। हाल ही में गो पालन विभाग की ओर से जारी आदेशों ने गोशाला संचालकों की परेशानी बढ़ा दी है।

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गायों के अनुदान पर भारी पड़ रही नियमों की पेचीदगी

चूरू.

राज्य में गोवंश के पालन के लिए गोशालाओं को मिलने वाले अनुदान पर राज्य सरकार की ओर से लागू नियमों की पेचीदगी भारी पड़ रही है। हाल ही में गो पालन विभाग की ओर से जारी आदेशों ने गोशाला संचालकों की परेशानी बढ़ा दी है। अब गोशाला संचालक भौतिक सत्यापन के लिए गांवों में ग्राम विकास अधिकारियों व शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका-परिषद के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
तय समय तक भौतिक सत्यापन नहीं होने पर गोशाला संचालकों को अनुदान अटकने की चिंता सता रही है। गोशाला संचालकों की इस परेशानी को लेकर जिला गोशाला संघ चूरू सरकार से इस आदेश को वापस लेने के लिए मांग भी कर चुका है। मगर अब तक इस संबंध में सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि राज्य स्तरीय गोवंश अधिभार उपभोग सलाहकार समिति की बैठक में एक अगस्त को इस संबंध में निर्णय लेकर आदेश जारी किया गया था।

आदेशों के मुताबिक निदेशालय की ओर से करवाए गए सर्वे 15-०6-18 से 30-06-१18 के मध्य) तथा संयुक्त भौतिक सत्यापन के समय गोशाला/कांजी हाउस में संधारित वास्तविक कुल संख्या (छोटे व बड़े पशु) में से जो भी कम हो, को प्रथम चरण की90 दिवस की सहायता राशि की गणना का आधार माना जाएगा। इसमें संबंधित तहसीलदार या उसका नामित प्रतिनिधि, संबंधित पशु चिकित्सक, एवं स्थानीय ग्राम विकास अधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र में) या नगरपालिका-परिषद का अधिशासी अधिकारी-आयुक्त या उसका नामित प्रतिनिधि (शहरी क्षेत्र में) शामिल होंगे। जिन्हें संयुक्त रूप से गोशाला में जाकर भौतिक सत्यापन करना है। तीनों वर्ग के अधिकारी एक साथ उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में अब गोशाला संचालक भौतिक सत्यापन के लिए नगर पालिका-परिषदों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। जिले में फिलहाल १४९ गोशालाएं संचालित हैं। जिनमें करीब डेढ़ लाख से अधिक गोवंश का पालन किया जा रहा है।

अनुदान के लिए नगरपालिका व नगर परिषद की भूमिका तय किए जाने से भौतिक सत्यापन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इस पेचीदगी को हटाने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है। मगर अब तक सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
विमल सारस्वत, जिलाध्यक्ष, जिला गोशाला संघ, चूरू

भौतिक सत्यापन के लिए तय किए गए तीनों श्रेणियों के अधिकारी अपनी व्यस्तता के कारण एक दिन में एक समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इससे भौतिक सत्यापन नहीं हो पाने से गोशालाओं का अनुदान अटकने की नौबत आ रही है।
ललित दाधीच, कॉडिनेटर, श्रीराजलदेसर गोशाला, राजलदेसर