
Acharya Mahashraman- एक विचार और एक संविधान प्रणाली का नाम है तेरापंथ- आचार्य महाश्रमण
चूरू (सरदारशहर). आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में बुधवार को 13वां आचार्य पदाभिषेक दिवस मनाया गया। सन 2010 में इसी सरदारशहर में दशमाधिशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ के महाप्रयाण पश्चात आचार्य तेरापंथ के 11वें अनुशास्ता के रूप में रूप में प्रतिष्ठित हुए थे। पुन: इसी धरा पर आराध्य की अभिवंदना का अवसर प्राप्त कर श्रावक समाज में विशेष हर्ष छाया हुआ था। षष्टिपूर्ति एवं युगप्रधान पदाभिषेक के संदर्भ में भी आज अनेकों प्रस्तुतियां हुई। इस कार्यक्रम में देश विदेश में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। कार्यक्रम में ज्ञानशाला के 60 बच्चों ने आचार्य महाश्रमण का रूप बना कर गुरूदेव की अभिवंदना की जो सबके आकर्षण का केंद्र बनी। मंगल प्रवचन में आचार्य ने कहा आज के दिन भगवान महावीर को कैवल्य की प्राप्ति हुई थी। यह शुभ दिन मुझसे भी जुड़ा हुआ है। आज के ही दिन उन्हें धर्मसंघ द्वारा आचार्य पद की प्रतीकात्मक धवल अमल चद्दर ओढाई गई। उस चद्दर में आचार्य पद का भार था इसलिए उसका महत्व बढ़ गया। हमारे संघ में एक आचार, एक विचार, एक आचार्य और एक संविधान की प्रणाली है।
हमारे संघ में आचार्य ही सर्वोच्च होते हैं। मेरी ²ष्टि में कद, पद से भी अधिक आत्म कल्याण का महत्व है। आचार्य संघ की सार संभाल व्यवस्था रूप में सेवा करते हैं जो निर्जरा का महान हेतु है। गुरुओं ने मुझे इस रूप में संघ की सेवा का मौका दिया। पूर्वाचार्यों से मुझे अनुभव प्राप्त हुए। संघीय प्रबंधन, व्यवस्था में मुख्यमुनि, मुख्य नियोजका और साध्वीवर्या सहयोगी बन सेवा दे रहे है।
उन्होंने कहा कि आज का दिवस तो मुख्य रूप से मेरा है पर सब इसे मना रहे हैं। मुनि राजकुमार, मुनि मनन कुमार, मुनि अनुशासन, मुनि मृदु कुमार, मुनि गौरव कुमार, मुनि हितेंद्र कुमार, मुनि ध्रुव कुमार, मुनि अनेकांत कुमार, मुनि वर्धमान कुमार, मुनि विनम्र कुमार, मुनि पाश्र्व कुमार, मुनि नम्र कुमार, मुनि विवेक कुमार, मुनि केशी कुमार ने अपनी प्रस्तुति दी। साध्वी सुषमा कुमारी, साध्वी अनिलप्रभा, साध्वी जिनप्रभा, साध्वी मुदितयशा, साध्वी रिद्धिप्रभा, समणी कुसुमप्रज्ञा, समणी निर्मलप्रज्ञा, समणी जिनप्रज्ञा, समणी विनीतप्रज्ञा, समणी भावित प्रज्ञा, समणी कमलप्रज्ञा, समणी अक्षयप्रज्ञा, समणी प्रणवप्रज्ञा, समणी अमलप्रज्ञा आदि ने भी अभिव्यक्ति दी। गुरूदेव के संसारपक्षीय भाई सूरजकरण दुगड़, खुशी दुगड़, विकाश परिषद से पदमचंद पटावरी, सुनीता पुगलिया ने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया।
Published on:
12 May 2022 12:35 pm
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