
चूरू. रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंट को प्रदेश सरकार की ओर से राज्यपशु का दर्जा देने के बाद भी इनके जीवन पर गहराया संकट टला नहीं है। ऊंटों की तस्करी का धंधा जोरों पर है। तस्कर इन्हें तस्करी के जरिए उत्तरप्रदेश सहित बांग्लादेश के बूचड़खानों में पहुंचा चांदी कूट रहे हैं। बीते दिनों जिले के सरदारशहर में तस्करी के जरिए ले जाए जा रहे ऊंटों के मामले का खुलासा होने के बाद जिले के रतनगढ़ इलाके में अब रेगिस्तान के जहाज की तस्करी का खुलासा हुआ है। रतनगढ़ पुलिस ने तस्करी के जरिए ले जाए जा रहे ट्रक में भरे 14 ऊंट जब्त कर दो जनों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में ऊंट हनुमानगढ़ से अलवर होते हुए उत्तरप्रदेश ले जाए जाने की जानकारी मिली है। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर तस्करी के नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास कर रही है। पुलिस के अनुसार यह कार्रवाई गोरक्षा दल की सूचना पर की गई। गौरतलब है कि प्रदेश में ऊंटों की तेजी से घट रही संख्या पर चिंता जताते हुए इनकी जनसंख्या बढाने को लेकर करीब एक दशक पहले राज्य सरकार ने इन्हें राज्यपशु का दर्जा दिया था। इसके बाद भी जिम्मेदारों में गंभीरता की कमी के चलते ऊंटों की तस्करी के आंकड़ों में कमी नहीं आ रही है।
ट्रक में बेरहमी से डाल रखे थे ऊंट
पुलिस ने यह कार्रवाई मेगा हाइवे पर हुडेरा फांटा के पास गोरक्षा दल के सदस्य रामावतार सेवदा की सूचना पर की। पुलिस ने ट्रक को रुकवा कर जांच की तो ट्रक में बेरहमी से 14 ऊंट भरे हुए थे। ऊंटों को ट्रक में हाथ-पांव और गर्दन बांधकर डाल रखा था। पुलिस ने ट्रक चालक व खलासी से पूछताछ की तो उनके पास कोई दस्तावेज नहीं पाया गया। इस पर पुलिस ने ट्रक को जब्त कर ऊंटों को मुक्त करवा दिया। ट्रक चालक 43 वर्षीय अंसार अली पुत्र वहीद मेव व खलासी शमुन पुत्र महमूद मेव दोनों निवासी फिरोजपुर हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया।
ले जा रहे थे उत्तरप्रदेश के बूचड़खाने
गिरफ्तार आरोपी ट्रक चालक व खलासी पुलिस को तस्करों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दे पाए हैं। उनका कहना है कि किसी ठेकेदार ने उनका ट्रक किराया किया है। उन्हें हनुमानगढ़ से ऊंंट उत्तरप्रदेश ले जाने थे। तस्करी के आगे के नेटवर्क की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में पुलिस ने इनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम व राजस्थान उष्ट्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
प्रत्येक ऊंट चोटिल
ट्रक में बेरहमी से भरे गए सभी ऊंट चोटिल है। सभी के कहीं ना कहीं से खून निकल रहा था। दस्तयाब किए गए सभी ऊंटों को फिलहाल अस्थाई तौर पर गौरक्षा दल के सदस्यों को सुपुर्द किया गया है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को गुरूवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पहले भी पकड़े गए हैं मामले
ऊंट तस्करी के मामले जिले में पहले भी पकड़े गए है। लेकिन कार्रवाई गिरफ्तार आरोपियों तक ही सीमित रही। पुलिस तस्करों के गिरोह तक नहीं पहुंच पाई। इस तरह के मामले में पुलिस भी कम ही गंभीरता बरतती है। क्योंकि सबसे बड़ी समस्या तस्करों के ऊंटों को रखने और उनके खाने के इंतजाम की रहती है।
बांग्लादेश तक फैला है तस्करों का नेटवर्क
राजस्थान से बड़ी संख्या में ऊंट की तस्करी बांग्लादेश के लिए होती है। इस काम को अंजाम देता है राजस्थान से बांग्लादेश तक फैला ऊंट तस्करों का नेटवर्क। पुलिस की ओर से कई मामलों की जांच में इसका खुलासा हो चुका है। बीकानेर, हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर से चूरू होकर भी अब ऊंटों को तस्करी के जरिए भेजा जाने लगा है।
Published on:
07 Mar 2024 09:47 am
बड़ी खबरें
View Allचूरू
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
