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सुजानगढ़ की दो बस्तियों को 20 साल से विकास का इंतजार, लोग बोले जिम्मेदार कब सुध लेंगे

जिले के सुजानगढ़ शहर के बाहरी इलाके में आबाद वार्ड 10 में बस्ती चांद नगर व जमालपुरा के लोगे बीते 20 वर्षों से विकास की बाट जो रहे हैं। हालात ये हैं कि बस्ती के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। दोनों बस्तियों की करीब तीन दर्जन छोटी-बड़ी गलियो में पक्की सड़क बनना तो दूर, चलने योग्य कच्चा मार्ग भी नहीं है।

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चूरू. जिले के सुजानगढ़ शहर के बाहरी इलाके में आबाद वार्ड 10 में बस्ती चांद नगर व जमालपुरा के लोगे बीते 20 वर्षों से विकास की बाट जो रहे हैं। हालात ये हैं कि बस्ती के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। दोनों बस्तियों की करीब तीन दर्जन छोटी-बड़ी गलियो में पक्की सड़क बनना तो दूर, चलने योग्य कच्चा मार्ग भी नहीं है। इसलिए इधर कोई ऑटोरिक्शा चालक भी आने को तैयार नहीं होता। इससे बढ़कर समस्या विद्युत पोलों पर रोशनी की है। दोनों बस्तीयां अंधेरे के आगोश में रहती हैं। लोग बोले रात को डर के साऐ में जी रहे हैं। करीब दो वर्ष पहले सर्पदंश से वाहिद पुत्र आमीन नामक लड़के की मृत्यु हो गई जबकि सर्प-बिच्छू काटने की पीड़ा झेलने वालो की काफी है। कच्ची बस्ती में कंटीली झाडि़यों, बबूल के पेड़ काफी फैले है। इस बस्ती में पीने का पानी नसीब न होने के पीछे आपणी योजना के जिम्मेदाराें की अनदेखी है। 250 घरों की बस्ती में पाइप लाइन डाले दो वर्ष बीत चुके हैं। जिम्मेदार इन्हें जोड़ना भूल गए। यही वजह है कि लोगों के कंठ सूखे हैँ। लोगो को एक किमी दूर से पैदल चलकर पीने का पानी लाना पड़ता है या एक हजार रुपए में टेंकर मंगवाना पड़ता है।

खंभों पर नहीं रोशनी का इंतजाम

यहां की गलियो में 150 करीब विद्युत पोल खड़े जरूर है। लेकिन 120 पर रोड़ लाईट के लिए बल्व नहीं लगे होने से अंधेरा छाया रहता है। जिन 30 खम्भों पर बल्व लगे है वे दिनरात जलते है। जिसका कारण एक तार का न होना है। भारी विद्युत भार के कनेक्सन न होने से पूरी बस्ती में एक भी आटा चक्की नहीं है। इसलिए एक किलोमीटर दूर पैदल चलकर आटा पिसाकर लाना पड़ता है।एक वर्ष पहले दीन मोहम्मद ने नगरपरिषद कार्यालय के सामने एक सप्ताह तक धरना व भूख हड़ताल भी की तब समस्याऐ दूर करने का लिखित आवश्वासन दिया लेकिन समस्याएं ज्यों की त्यों है। सभापति निलोफर गौरी ने कहा कि विकास के कार्य सभी वार्डाे में हुए है व हो रहे है जो शेष वंचित है वहां ओर किए जाऐंगे।

बस्ती के लोग बोले...

मेरे घर व गली में विद्युत पोल खड़ा है। लेकिन बल्व नहीं होने से पूरी गली में अंधेरा रहता है। पीने के पानी के लिए 1200 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। हमारा दर्द सुनने यहां कोई नहीं आता क्योंकि यहां सड़क नहीं है।

रूबीना गोरी, चांदनगर सुजानगढ़

बस्ती की समस्याओं को लेकर नगरपरिषद जाकर बताया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तीस गलियों में पाइप लाईन पड़े दो वर्ष बीत गए लेकिन एक बूंद पानी नहीं आया। क्योंकि पाइप लाइन को राजनैतिक कारणो से जोड़ो नहीं गया है। पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है। जबकि राज्य सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है।

रूबीना काजी, वार्ड 10 सुजानगढ़

एक तार के अभाव में 150 विद्युत पोल पर अंधेरा पसरा है। रात को घर से निकलना मुश्किल है क्योंकि अंधेरे में जहरीले जीव-जन्तु काटने का डर है। रेतीले रास्तों में ऑटोरिक्शा वाले भी नहीं आते। इसलिए मेहमान, रिश्तेदार हमारे घर आने से कतराते है।दौलत बानू सांई, चांदनगर, सुजानगढ़

चांदनगर व जमालपुरा में गरीब-मजदूर वर्ग के परिवार है। 250 घरों की बस्ती के विद्युत पोल पर एक तार व बल्व लगाने, सड़क बनाने, पाइप लाइन जोड़ने, सार्वजनिक नल लगाने जैसी मांगो को लेकर मैने भूख हड़ताल की। उपसभापति व अन्य ने लिखित समझौता कर समस्याएं दूर करने का आश्वासन दिया लेकिन एक भी समस्या दूर नहीं हुई।

दीन मोहम्मद खीची, वार्ड 10 सुजानगढ़