
new railway line
Rajasthan News: आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत और दुनिया में शक्ति बनकर उभरते भारत के राजस्थान के मरुस्थलीय चूरू जिले की कोई तहसील के लोग यह कहे कि उन्हें आज भी छुकछुक करती आती रेल गाड़ी आने का इंतजार है तो अजीब लगता है।
लेकिन यह सत्य है कि आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे देश में चूरू जिला आज तक समग्र रूप से रेल सेवा से नहीं जुड़ पाया हैं। जिले के पुराने रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है, मीटर गेज से ब्रॉडगेज बनी रेले लाइनों का दोहरीकरण हो रहा है, बिजली से रेल गाड़ियां चल रही हैं, इसके बावजूद भी जो रेल सेवा से वंचित है ऐसे क्षेत्र की ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 11 में ही सरदारशहर से सादुलपुर वाया तारानगर नई लाइन के लिए सर्वे किया गया। आरईसीटी सर्वेक्षण में करीब 102 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने के लिए लगभग 515 करोड़ रुपए की लागत आंकी गई। इन प्रस्तावों के साथ 27 मार्च 12 को रिपोर्ट भी रेलवे बोर्ड को भेजी गई लेकिन इस पर कोई स्वीकृति की मोहर तक नहीं लग पाई।
जानकारी के अनुसार आजादी से पहले रेल सेवा से जुड़े सरदारशहर के रेलवे स्टेशन से चलने वाली रेल गाड़ी आजतक रतनगढ़ से आगे नहीं बढ़ पाई है। देश प्रदेश की राजनीति में हस्तक्षेप रखने वाले चूरू का प्रतिनधित्व करने वाले राजनीतिक दलों के नेता आज तक सरदारशहर से रेल सेवाओं के विस्तार नहीं दे पाए हैं। जबकि जिले का औद्योगिक और उद्यमियों का शहर है सरदारशहर जो रेल सेवाओं की दृष्टि से अग्रणीय रहने वाले चूरू जिले की प्रमुख तहसील है। फिर आसपास के जिलों के स्टेशन तो क्या यह चूरू जिला मुख्यालय तक से नहीं जुड़ पाया है।
व्यापारिक, उद्योग और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र सरदारशहर से सूरतगढ़ और रतनगढ़ से सरदारशहर तक नई लाइन के लिए सर्वे किया। आरईसीटी सर्वेक्षण में 118.84 किलोमीटर लंबाई की नई रेल लाइन के लिए करीब 392 करोड़ रुपए प्रस्तावित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बावजूद रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड ने 9 मार्च 2017 को स्थगित कर दिया। सर्वे अनेक हुए है यह तो केवल उदाहरण है।
अमृत महोत्सव आते आते रेल सेवाओं के विस्तार से वंचित सरदारशहर अब आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गया है। इसके लिए अभी हाल ही में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरदारशहर रेल विस्तार संघर्ष समिति का गठन कर रणनीति बनाकर संघर्ष करने की ठानी है।
नव गठित सरदारशहर रेल विस्तार संघर्ष समिति के अध्यक्ष शोभाचंद स्वामी का कहना था कि आज तक सर्वे खूब हुए लेकिन धरातल पर एक भी नहीं उतरा इसलिए सरदारशहर से श्रीडूंगरगढ़, तोलियासर, भालेरी, तारानगर राजगढ़ रेल सेवा विस्तार, अर्जुनसर, लूणकरणसर, अजमेर से जोड़ने सहित रेल सेवा विस्तार करवाना समिति का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया अभी हाल ही में जयपुर से सरदारशहर एक्सप्रेस ट्रेन की घोषणा हुई लेकिन अभी तक शुरू नहीं किया गया। इन सभी मांगों को लेकर समिति संभाग के जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर पहले रेल मंत्री से मिलेगी। पोस्टकार्ड अभियान चलाया जाएगा और जरूरत के अनुसार चरणबद्ध अभियान चलाकर जन आंदोलन किया जाएगा।
समिति के सचिव श्रीचंद सिद्ध का कहना है कि रेल सेवाओं के विस्तार में उपेक्षित रहे सरदारशहर में रेल गाड़ियां चले, क्षेत्र देश और प्रदेश की राजधानी से लेकर महानगर से सीधा जुड़े यह वर्तमान की आवश्यकता है। समिति और शहरवासी एक जाजम पर बैठकर रेल सेवाओं में विस्तार के उद्देश्य से रणनीति बनाकर जनआंदोलन खड़ा करेगी। यह क्षेत्र और जिला सम्पूर्ण रेल सेवाओं से जुड़े यह जरूरी है।
1913 में रेल सेवा से जुड़े सरदारशहर में रेल सेवाओं के विस्तार की कवायद तो 1954 से हो गई थी। नई रेल पटरिया डालने से लेकर निकटवर्ती जिलों के रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए सर्वे भी खूब हुए, लोकसभा और राज्यसभा में जिले का नेतृत्व करने वाले सांसदों ने हर रेल बजट और वर्तमान तक के बजट में रेल सेवाओं के विस्तार का मुद्दा भी उठाते रहे, लेकिन इसके बावजूद है कि यह क्षेत्र विस्तार की रेल पटरी पर सफर नहीं कर पाया।
Updated on:
12 Sept 2025 04:04 pm
Published on:
12 Sept 2025 04:03 pm
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