
Dirty Water - कहां पर... कीचड़ में से जाना पड़ता है मंदिर, सड़क पर उछलता रहता है गंदा पानी
सड़क पर गंदा पानी, भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध
चूरू. सादुलपुर स्थित पिलानी सादुलपुर सड़क पर स्थित दुर्गा मंदिर के सामने जमा गंदा पानी आमजन के लिए जी का जंजाल बन गया है तालाब का रूप धारण की गंदा पानी हर वक्त अनहोनी घटना की आशंका को आमंत्रित कर रहा है अनेकों बार लिखित मौखिक शिकायतों तथा धरना प्रदर्शन के बावजूद समस्या का स्थाई निराकरण नहीं हो रहा है। हाल यह है कि दिन भर वाहनों का आवागमन तथा मोहता कॉलेज एवं मोहता आईटी कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों सदा सरकारी अस्पताल जाने वाले मरीजों को पानी से ही गुजरना पड़ता है वाहन चालकों को विभाग की लापरवाही का दंश झेलना पड़ रहा है इसके अलावा दुर्गा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि है कि तीन मार्च को एक महिला का इस कीचड़ में पांव फिसल गया था और उसके उनके पांव के हड्डी टूट गई। यह व्यस्ततम मार्ग है व राजकीय रेफरल अस्पताल भी इसी रास्ते पर आगे जाकर स्थित है।
लोगो ने रोष जताते हुए कहा कि इस मार्ग से वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधि समय समय पर गुजरते रहते हैं, मगर न जाने क्यों किसी को भी इस ओर ध्यान देने की फुर्सत नहीं है। भाजपा युवा मोर्चा के कृष्ण भाकर के नेतृत्व समस्या का स्थाई निराकरण करने की मांग को लेकर शनिवार को धरना, प्रदर्शन भी किया तथा नारेबाजी कर विभाग के खिलाफ विरोध किया गया। भाकरा ने बताया कि गत एक वर्ष से भी अधिक समय से दुर्गा मंदिर के सामने गंदा पानी इक_ा हो रहा है। तथा वर्तमान समय में सड़क पर जमा गंदा पानी एक तालाब का रूप ले लिया है। उन्होंने बताया कि इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ तो शीघ्र ही अनिश्चितकालीन आंदोलन और धरना प्रदर्शन शुरू करने को मजबूर होंगे सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश जोशी, मंगतू खा दमामी, बीरबल नायक मोहता कालेज के प्राचार्य डॉक्टर पीएस राठौड़, डॉक्टर उमेद ङ्क्षसह पूनिया, निर्मला ङ्क्षसगल सहित अनेक लोगों ने बताया कि लगातार शिकायतों के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। समय रहते समस्या का स्थाई निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
आंदोलन की दी चेतावनी
चूरू. केंद्रीय अर्धसैनिक बल सेवानिवृत्त कल्याण समिति सादुलपुर की बैठक शनिवार को गुलाब भवन में इंस्पेक्टर जय ङ्क्षसह सारण की अध्यक्षता में हुई ।इस अवसर पर सहायक कमांडेंट महेंद्र ङ्क्षसह सागवान ने बताया कि जवानों व अधिकारियों की जायज मांगों का समय रहते निराकरण नहीं हुआ तो मजबूरन आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि हर जिले में अर्ध सैनिक बोर्ड गठित करने, सीपीसी कैंटीन की बजाए सीएसडी कैंटीन बनाने, दस वर्ष के बाद भेजे गए जवानों को पेंशन देने, 16 दिसंबर 2012 का गृह मंत्रालय के आदेश को ग्राउंड पर लागू करने आदि मांगों को लेकर समिति की ओर से अनेकों बार लिखित व मौखिक मांग की गई है। लेकिन मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
Published on:
06 Mar 2022 01:09 pm
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