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9 वर्षों से सेट परीक्षा से सोशल डिस्टेंस

राजस्थान में राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली कॉलेज व्याख्याता परीक्षा के लिए सेट परीक्षा का आयोजन नहीं करवाए जाने के कारण वर्षो से आस लगाए बैठे बेरोजगार युवाओं के सपनों पर पानी फिर रहा है।

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9 वर्षों से सेट परीक्षा से सोशल डिस्टेंस

9 वर्षों से सेट परीक्षा से सोशल डिस्टेंस

चूरू. राजस्थान में राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली कॉलेज व्याख्याता परीक्षा के लिए सेट परीक्षा का आयोजन नहीं करवाए जाने के कारण वर्षो से आस लगाए बैठे बेरोजगार युवाओं के सपनों पर पानी फिर रहा है। ऐसे में सरकार भले ही शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावे करे, लेकिन ये हकीकत से कोसों दूर है। आलम तो ये है कि यूजीसी की ओर से वर्ष में दो बार नेट की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है लेकिन राज्य सरकार की ओर से सेट परीक्षा करवाए नौ वर्ष बीत गए हैं। ऐसे में सहायक आचार्य की भर्ती की तैयारी में जुटे युवाओं की परेशानियां बढती जा रही है। प्रदेश की बात करें तो सहायक आचार्य के करीब 1600 पद है। इनकी भर्ती की तैयारी सरकार के स्तर पर की जा रही है। ऐसे में प्रदेश के युवा भी अब सेट की परीक्षा करवाने की मांग करने में जुट गए हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 1992 से सेट परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 11 बार परीक्षा हो चुकी है। अंतिम परीक्षा वर्ष 2016 में हुई थी। इसमें 40 हजार 216 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। 6265 कॉलेज व्याख्याता परीक्षा के लिए पात्र घोषित किए गए। ऐसे में राज्य के लाखों विद्यार्थी जो यूजीसी की ओर से आयोजित नेट परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे है। वो सेट परीक्षा नहीं होने से कॉलेज व्याख्याता के काबिल नहीं बन पा रहें है। सरकार एक तरफ योग्य व्याख्याता रखने के लिए कॉलेजो को आदेश जारी कर रहीं है। वहीं दूसरी तरफ राज्य में परीक्षा आयोजित नहीं होने से योग्य व्याख्याताओ की कमी खलने लगी है। यूजीसी वर्ष में दो बार नेट की परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर करवाती है। जिसकी कट ऑफ भी अधिक रहती है। जिसके चलते कई विद्यार्थी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं। जबकि कॉलेज व्याख्याता बनने के लिए नेट या सेट परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। राज्य में कॉलेज व्याख्याता के 01 हजार पदों पर जल्द ही आरपीएससी भर्ती का विज्ञापन जारी करेगी, लेकिन सेट परीक्षा लम्बे समय से नहीं होने से लाखों विद्यार्थी इस भर्ती में आवेदन नहीं कर पाएंगे। यूजीसी ने नेट परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन ले लिए, लेकिन आरपीएससी की ओर से प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों के बारे में नहीं सोचा है। अभ्यर्थी निराश हैं।
अन्य राज्य करवा रहे हैं परीक्षा
जानकारी के अनुसार राजस्थान के अलावा हिमाचल एवं मध्य प्रदेश,तेलंगाना आदि प्रदेश हर वर्ष सेट परीक्षा करवा रहे हंै। वहां पर राज्य का विद्यार्थी परीक्षा के लिए आवेदन करता है तो सिर्फ उसी राज्य में कॉलेज व्याख्याता बनने के लिए योग्य घोषित होता है। लोक सेवा आयोग ने नियम जारी करते हुए 2002 के बाद अन्य राज्यों से परीक्षा उत्तीर्ण करने आने वाले अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया। ऐसे में अन्य राज्यों से परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य में उÓच शिक्षा में व्याख्याताओं के हजारों पद रिक्त हंै। इसके साथ ही राज्य सरकार ने कई सरकारी कॉलेज खोल दिए है। वहां भी विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रहीं है। कुछ स्थानों पर व्याख्याता प्रतिनियुक्ति पर लगाएं जा रहे हंै।
इनका कहना है
जब यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार करती है तो आरपीएससी को वर्ष में एक बार सेट परीक्षा का आयोजन करवाना चाहिए। राज्य में 2016 के बाद से अभी तक परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ जो विचारणीय है। आरपीएससी को विज्ञापन जारी करना चाहिए। जिससे 1000 हजार पदों पर होने वाली भर्ती का लंबे समय से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को राहत मिल सके। यूजीसी ने दिसम्बर 2021 व जून 2022 को मर्ज करके ऑनलाईन आवेदन मई माह में ले लिए। इसलिए आरपीएससी भी 2014 से 2022 तक पदों के हिसाब से इस माह विज्ञप्ति जारी करें।
मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष शिक्षक संघ, रेस्टा राजस्थान