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Acharya Mahashraman- अगले जीवन का आयुष्य बांधे बिना जीव की गति नहीं होती- आचार्य महाश्रमण

चूरू. छापर. तेरापंथ के वर्तमान अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण सोमवार को प्रवचन पण्डाल में श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी से अभिङ्क्षसचन प्रदान करते हुए कहा कि भगवती सूत्र में एक प्रश्न किया गया कि कोई भी प्राणी अथवा देवता वर्तमान जन्म का आयुष्य पूर्ण कर दूसरे जन्म में गति करता है तो वह आयुष्य सहित जाता है अथवा आयुष्य रहित जाता है? भगवान महावीर द्वारा उत्तर दिया गया कि वह आयुष्य सहित ही गति करता है।

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चूरू

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Vijay

Sep 20, 2022

Acharya Mahashraman- अगले जीवन का आयुष्य बांधे बिना जीव की गति नहीं होती- आचार्य महाश्रमण

Acharya Mahashraman- अगले जीवन का आयुष्य बांधे बिना जीव की गति नहीं होती- आचार्य महाश्रमण

धर्मसभा में आचार्य महाश्रमण ने कहा
आदमी को अपने अगले जीवन को अच्छा बनाने के लिए वर्तमान जीवन में अच्छे कर्म करने का प्रयास करना चाहिए
चूरू. छापर. तेरापंथ के वर्तमान अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण सोमवार को प्रवचन पण्डाल में श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी से अभिङ्क्षसचन प्रदान करते हुए कहा कि भगवती सूत्र में एक प्रश्न किया गया कि कोई भी प्राणी अथवा देवता वर्तमान जन्म का आयुष्य पूर्ण कर दूसरे जन्म में गति करता है तो वह आयुष्य सहित जाता है अथवा आयुष्य रहित जाता है? भगवान महावीर द्वारा उत्तर दिया गया कि वह आयुष्य सहित ही गति करता है। प्रतिप्रश्न किया गया कि अगले जीवन का आयुष्य जीव कब बांधता है? उत्तर दिया गया कि देव और देवता और कुछ तिर्यंच वर्तमान जीवन में छह मास शेष रह जाने पर अगले जीवन के आयुष्य का बंध करता है तो वहीं मनुष्य अपने जीवन के दो भागों की सम्पन्नता के उपरान्त अगले जन्म का आयुष्य बांधता है। अगले जीवन का आयुष्य बांधे बिना जीव की गति नहीं होती। इसलिए आदमी को अपने अगले जीवन को अच्छा बनाने के लिए वर्तमान जीवन में अच्छे कर्म करने का प्रयास करना चाहिए। छल, कपट, झूठ, बेइमानी, चोरी, ङ्क्षहसा, हत्या आदि से दूर रहते हुए अपने जीवन में साधना, ध्यान, तप, ईमानदारी, सच्चाई और प्रमाणिकता को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। मानों वर्तमान जीवन में ही अगले जन्म की अच्छी तैयारी करने का प्रयास करना चाहिए। मुम्बई से पहुंचे श्रद्धालुओं का समूह भी कार्यक्रम में उपस्थित था। मुम्बई चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मदनचंद तातेड़ व वरिष्ठ श्रावक श्री सुमतिचंद गोठी ने वर्ष 2024 के मर्यादा महोत्सव भी मुम्बई में करने की प्रार्थना की। मुम्बईवासियों की प्रार्थना को देखते हुए आचार्य ने मुम्बई में स्थित बहुश्रुत परिषद के संयोजक मुनि महेन्द्रकुमार स्वामी के संदर्भ में फरमाते हुए, भगवान महावीर, परम पूज्य आचार्य भिक्षु, सहित आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ का स्मरण व वंदन कर कहा कि द्रव्य, क्षेत्र, काल व भाव की अनुकूलता के अनुसार सन् 2024 का मर्यादा महोत्सव बृहत्तर मुम्बई में करने का भाव है। इसके साथ ही मुम्बई चातुर्मास की सम्पन्नता के बाद भी माघ शुक्ला सप्तमी तक बृहत्तर मुम्बई में रहने का भाव है। युगप्रधान आचार्य की ऐसी कृपा पाकर मानों मायानगरी वासी प्रसन्नता से झूम उठे। उनका आंतरिक उल्लास और कृतज्ञ भाव उनके द्वारा उच्चरित बुलन्द जयघोष में स्पष्ट सुनाई दे रहा था। आचार्यश्री की इस घोषणा के संदर्भ में साध्वीप्रमुखा साध्वी विश्रुतविभा, मुख्य मुनि महावीरकुमार व साध्वीवर्या साध्वी सम्बुद्धयशा ने उद्बोधित किया।

ठाकुरजी ने 56 करोड़ का भरा मायरा, उमड़ी श्रद्धा
रतनगढ़. माहेश्वरी भवन के प्रांगण में शास्त्री नगर महिला मंडल की ओर से संगीता देवी महर्षि की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो के समापन दिवस पर सोमवार को मायरा वाचक पवन जोशी ने नरसीजी का सोलह सूरदासों सहित नानी बाई के ससुराल में आगमन, पिता पुत्री संवाद का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया। भगवान ठाकुरजी अपने भक्तों की लाज बचाने पटरानियों सहित आकर 56 करोड़ का मायरा भरने आए। मायरा शुरू होने से पूर्व लीलाधर महर्षि ने ठाकुरजी की पूजा अर्चना की। व कथावाचक का नगर की ओर से अभिनंदन किया। इसी क्रम में शास्त्री नगर महिला मंडल समूह की ओर से ठाकुरजी की पूजा अर्चना कर व्यास पीठ पर विराजित मायरा वाचक जोशी का अभिनंदन किया गया।