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Devotees arrived barefoot- आस्था का Wonderful संगम: नंगे पांव चलकर पहुंचे श्रद्धालु

चूरू (सालासर). बालाजी महाराज के प्रति आस्था का अद्भुत संगम शनिवार को सालासर में देखने को मिला। श्रद्धालु नंगे पांव चलकर सालासर पहुंचे। पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने बाबा के चरणों में अपना शीश नवाया और मन्नतें मांगी। शनिवार को बाबा का मेला परवान पर रह।

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चूरू

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Vijay

Apr 17, 2022

Devotees arrived barefoot- आस्था का  Wonderful  संगम: नंगे पांव चलकर पहुंचे श्रद्धालु

Devotees arrived barefoot- आस्था का Wonderful संगम: नंगे पांव चलकर पहुंचे श्रद्धालु

चूरू (सालासर). बालाजी महाराज के प्रति आस्था का अद्भुत संगम शनिवार को सालासर में देखने को मिला। श्रद्धालु नंगे पांव चलकर सालासर पहुंचे। पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने बाबा के चरणों में अपना शीश नवाया और मन्नतें मांगी। शनिवार को बाबा का मेला परवान पर रह। अल सुबह शुरू हुआ भक्तों का रैला थमने का नाम नहीं ले रहा था। मुख्य द्वार से लेकर मंदिर तक दर्शनार्थियों की कतारें नजर आ रही थी। जुबां पर बालाजी महाराज के जयकारे गूंज रहे थे। नाचते गाते भक्त बाबा की एक झलक पाने को बेताब नजर आए। हाथों में रंग-बिरंगे निशान थामे श्रद्धालुओ का रैला दिनभर चलता रहा। पिछले तीन दिन से लक्खी मेला जारी है। सालासर की हर गली, हर मार्ग भक्तों की भीड़ से अटे रहे। मेले में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व गुजरात सहित देश के अलग-अलग प्रांतों से पैदल व वाहनों से श्रद्धालुओ ने पहुंचकर बालाजी के धोक लगाई। श्री हनुमान सेवा समिति अध्यक्ष यशोदानंदन पुजारी ने बताया कि पहले नवरात्रि से लेकर पूर्णिमा तक साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने बालाजी के दर्शन किए। जबकि तीन दिवसीय लक्खी मेले में एक लाख श्रद्धालुओं ने बालाजी के धोक लगाई।
रात 2.30 बजे खोले मंदिर के पट
सालासर धाम में चैत्र पूर्णिमा हनुमान जन्मोत्सव पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। मेले के आखिरी दिन पूर्णिमा के दिन भक्तों में अपार श्रद्धा और उल्लास देखने को मिला। भक्तों की भीड़ को देखते हुए रात 2 बजकर 30 मिनट पर मंदिर के पट्ट खोल दिए गए। बाबा के भक्त दर्शन के लिए बेताब थे। घंटो इंतजार के बाद दर्शन कर निहाल हुए। देश दुनिया में विश्वविख्यात सालासर धाम में कौने-कौने से आये श्रद्धालुओं ने बालाजी महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना की और मन्नतों के नारियल बांधे। उन्होंने सुख समृद्धि की कामना की। अपने साथ लाए छोटे बच्चों के जडूले उतारे और बाबा मोहनदास जी की समाधि पर मत्था टेका। धाम परिसर दिनभर बाबा के जयकारों से गुंजयमान रहा। हाथ में लाल पताका लिए बाबा के जयकारा लगाते चल रहे थे। श्री हनुमान सेवा समिति के उपाध्यक्ष मनोज पुजारी ने बताया कि दूर दूर से चलकर आए श्रद्धालु पुलिस थाने के सामने से लगाई गई लाइन में चलकर बालाजी के दर्शन किये। प्रशासन द्वारा पेटपलानिया पर पाबंदी लगाई गई जिसके कारण पेटपलानिया नहीं पहुंचे। ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते पहुंचे भक्तों का उत्साह देखने को मिल रहा था। माता अंजना का मंदिर बालाजी मंदिर से करिबन एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मां अंजना पश्चिम दिशा की और मुख कर विराजमान हैं जबकि बेटा हनुमान पूर्व दिशा की और मुख कर विराजमान हैं। दोनों आमने-सामने मुख कर लाखों श्रद्धालुओं के कष्टों को दूर कर रहे हैं। मंदिर के पुजारी योगेश पारीक व रामगोपाल पारीक ने बताया कि श्रद्धालु मखाना व मिश्री का भोग लगा रहे हैं। साथ ही माता को चुंदड़ी चढ़ा रहे हैं। बालाजी के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु मां के दरबार पहुंच रहे हैं।