1935 के बाद खेला गया सबसे छोटा मैच
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने वाले तीसरा टेस्ट मैच में 150 ओवर भी नहीं फेकें जा सकेंगे, यह बात किसी ने भी नहीं सोची थी। दोनों टीमों ने इस मैच में कुल 140 ओवर खेले। खास बात तो यह है कि 1935 के बाद से सबसे कम ओवर में खत्म होने वाला टेस्ट मैच साबित हुआ। आंकड़ों के लिहाज से 1935 के बाद से अब तक 2000 से ज्यादा टेस्ट खेले गए हैं। ओवर के लिहाज से यह ओवरऑल 7वां सबसे छोटा टेस्ट रहा। इनमें से 3 टेस्ट 1880 के दशक में खेले गए थे। बाकी टेस्ट 1935 से पहले के हैं। इसका मतलब यह है कि टेस्ट मैच वर्ल्ड वॉर-2 के बाद से ओवर के लिहाज से सबसे छोटा मैच रहा।
गेंद के हिसाब से भी 76 साल का सबसे छोटा मैच
वहीं, इस मैच को गेंदों के हिसाब से भी देखें तो 76 साल के बाद सबसे छोटा मैच खेला गया है। इस मैच में दोनों टीमों की ओर कुल 842 गेंदें खेलीं हैं। इससे पहले आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 1945/46 में खेले गए मैच में कुल 872 गेंदें खेली थीं। यानी वर्ल्ड वॉर-2 के बाद से इस टेस्ट में सबसे कम गेंदें खेली गईं। यह 5 दिन के मैच का मजा लेने आए दर्शकों के लिए बेहद निराशानजनक रहा।
भारत ने दूसरा टेस्ट दो दिन में खत्म किया
भारत ने मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे ही दिन इंग्लैंड को 10 विकेट से हराकर क्रिकेट इस लंबे प्रारूप में दूसरी बार किसी टेस्ट मैच को दो ही दिन में ही जीत लिया। भारत ने इससे पहले, दूसरे ही दिन अपना पहला टेस्ट मैच जून 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ जीता था, जब उसने बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में अफगानिस्तान की टीम को पारी और 262 रनों से करारी शिकस्त दी थी। विश्व टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दो ही दिन में सबसे ज्यादा बार टेस्ट मैच जीतने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है, जिसने अब तक नौ बार दो ही दिन में टेस्ट मैच को जीता है। इसके बाद आस्ट्रेलिया का नंबर आता है, जिसने अब तक आठ बार दो ही दिन में टेस्ट क्रिकेट मैच को अपने नाम किया है। उनके अलावा न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका भी एक-एक मैच दो दिन में ही जीत चुकी है।