
Rohit Sharma and Ajit Agarkar Secret Conversation: हेड कोच गौतम गंभीर की सलाह पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की ओर से तैयार किए गए 10 सूत्रीय अनुशासनात्मक दिशा-निर्देशों में कुछ नियमों पर रोहित शर्मा असमंजस में हैं और भारतीय कप्तान इस मुद्दे पर बोर्ड सचिव देवाजीत सैकिया से चर्चा करने वाले हैं। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले जब रोहित मुख्य चयनकर्ताओं अजित अगरकर के पास बैठे थे तो उन्हें मुंबई के अपने पूर्व साथी से यह कहते हुए सुना गया, अब मेरे को बैठना पड़ेगा सचिव के साथ। फैमिली-वैमिली का डिस्कस करने के लिए, सब मेरे को बोल रहे हैं यार। हर कोई (खिलाड़ी) मुझसे पूछ रहा है। रोहित की टिप्पणी मीडिया के लिए नहीं थी, लेकिन यह सीक्रेट बातचीत ‘माइक्रोफोन’ में रिकॉर्ड हो गई और अब वायरल हो रही है।
जब रोहित शर्मा से दिशा-निर्देशों के बारे में पूछा तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, आपको इन नियमों के बारे में किसने बताया? क्या यह बीसीसीआई के आधिकारिक हैंडल से आया है? इसे आधिकारिक तौर पर आने दें। हालांकि जब अगरकर ने बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) मसौदा तैयार किया गया है।
मुख्य चयनकर्ता अगरकर ने कहा, आप ड्रेसिंगरूम से फीडबैक लेते हैं, जो बेहद जरूरी है। आप हमेशा विकल्प खुले रखते हैं, लेकिन हर कोई टीम को लीड नहीं कर सकता। हम हमेशा उन खिलाड़ियों पर नजर रखते हैं, जिनके अंदर अगुआई करने की क्वालिटी होती है।
आईसीसी वनडे रैंकिंग में आठवें स्थान पर काबिज तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन का खामियाजा भुगतना पड़ा। कप्तान रोहित ने कहा, हम ऐसा गेंदबाज चाहते थे, जो नई गेंद से प्रभाव छोड़ पाए। दुर्भाग्य से पिछले कुछ समय से सिराज नई गेंद से प्रभावशाली साबित नहीं हुए हैं। इस कारण हमने अर्शदीप सिंह को चुना है, जिनका प्रदर्शन नई गेंद से अच्छा रहा है।
घरेलू क्रिकेट में सात पारियों में पांच शतक के साथ 752 रन बनाने वाले बल्लेबाज करुण नायर के नाम पर विचार भी नहीं किया गया। जबकि हाल में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनकी प्रशंसा की है। मुख्य चयनकर्ता अगरकर ने कहा, 700 से ज्यादा रन बनाना अभूतपूर्व है, लेकिन अभी भारतीय टीम में उनके लिए जगह खाली नहीं है।
रोहित शर्मा ने कहा कि पिछले 6-7 साल से हमें 45 दिन भी घर में बिताने के लिए नहीं मिले हैं। यदि आप घरेलू क्रिकेट का कार्यक्रम देखें तो यह अक्टूबर में शुरू होता है और फरवरी-मार्च में खत्म होता है। कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो तीनों प्रारूपों में खेलते हैं। इस कारण समय नहीं होने से वे रणजी ट्रॉफी में नहीं खेल पाते।
Published on:
19 Jan 2025 08:39 am
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