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भारत को यहां हराना कभी आसान नहीं होगा… बैजबॉल पर अनिल कुंबले ने इंग्लैंड को दिखाया आईना

IND vs ENG: अनिल कुंबले ने कहा कि जब इंग्लैंड यहां आया तो चुनौती स्पष्ट थी। बैजबॉल या आप इसे जो भी कहना चाहें, भारत में खेलना और भारत को यहां हराना कभी आसान नहीं होगा। भारत ने पिछले दशक में कभी भी घरेलू मैदान पर कोई टेस्‍ट सीरीज नहीं हारी है।

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IND vs ENG: भारत ने सोमवार को रांची में इंग्लैंड को पांच विकेट से हराकर 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली, जो घरेलू मैदान पर भारत की लगातार 17वीं टेस्ट श्रृंखला जीत है। ब्रेंडन मैकुलम के मुख्य कोचिंग की भूमिका संभालने के बाद इंग्लैंड की यह पहली टेस्ट सीरीज हार है। भारत के पूर्व दिग्‍गज खिलाड़ी अनिल कुंबले ने भारत के खिलाफ सीरीज में हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम से खुद पर कड़ी नजर रखने का आग्रह किया है। इसके साथ ही कहा कि टेस्ट क्रिकेट स्थितियों के अनुसार खेलना चाहिए।


क्या बैजबॉल ने इस श्रृंखला में इंग्लैंड को अच्छी सेवा नहीं दी? कुंबले ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में खेलना और यहां भारत को हराना कभी भी आसान नहीं होगा। कुंबले ने जियो सिनेमा पर कहा कि जब इंग्लैंड यहां आया तो चुनौती स्पष्ट थी। बैजबॉल या आप इसे जो भी कहना चाहें, भारत में खेलना और भारत को यहां हराना कभी आसान नहीं होगा। भारत ने पिछले दशक में कभी भी घरेलू मैदान पर कोई टेस्‍ट सीरीज नहीं हारी है।

'इंग्‍लैंड का गेंदबाजी आक्रमण भी कमजोर रहा'

कुंबले ने आगे कहा कि इंग्लैंड जानता था कि उन्हें दमदार प्रदर्शन करना होगा, लेकिन उनका गेंदबाजी आक्रमण ऐसा नहीं था, जिसके बारे में उनका मानना था कि वह भारत की बल्लेबाजी लाइन-अप को भेदने में सक्षम होंगे।

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'आप हर समय उस तरह से बल्लेबाजी नहीं कर सकते'

कुंबले ने कहा कि रांची टेस्ट के अलावा बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टो और जो रूट सहित इंग्लैंड के सीनियर बल्लेबाजों ने लगातार योगदान नहीं दिया। कुछ महत्वपूर्ण क्षण थे, जिन्हें उन्होंने कुछ मौकों पर पकड़ लिया, लेकिन अन्य महत्वपूर्ण क्षणों को उन्होंने जाने दिया। यह कहना कि मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करता हूं, लेकिन आप हर समय उस तरह से बल्लेबाजी नहीं कर सकते।

आपको संयमित रहना होगा। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में यही है। यह परिस्थितियों के बारे में है और रूट ने रांची में यही किया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वह सफल रहे, कुछ ऐसा जिस पर इंग्लैंड को चर्चा करनी होगी और देखना होगा।

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